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पुंगनूर गाय: छोटा साइज, बड़ा प्राइज, जानें इसकी अद्भुत खूबियां

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दुनिया की सबसे छोटी, प्यारी और अद्भुत गाय है पुंगनूर । संख्या में जितनी कम है, लोकप्रियता में उतनी ही ज्यादा है । दुर्लभ है इसलिए थोड़ी महंगी भी है । यह वही गाय है जिसके एक छोटे से झुंड को दिल्ली में अपने आवास पर चारा देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर वायरल हुई थी । शायद अब आप इस गाय को पहचान गये होंगे । अगर नहीं तो चलिये हम इस Blog में उसका पूरा इतिहास-भूगोल बताते हैं और जानते हैं कि उसकी पहचान, खासियत और डेयरी उद्योग में उसका उपयोग क्या है ?

कितनी दुर्लभ है देसी पुंगनूर गाय ?   

दरअसल, पुंगनूर आंध्रप्रदेश के चित्तूर (Chittoor in Andhra Pradesh ) में एक जगह का नाम है, जहां से यह नस्ल जुड़ी है । बरसों पहले इस नस्ल को पुंगनूर क्षेत्र के शासकों द्वारा विकसित किया गया था और आज भी यह ज्यादातर इसी इलाके और इसके आसपास तक सीमित है । यह नस्ल कुछ साल पहले तक खत्म होने के कगार पर थी लेकिन राज्य और केंद्र सरकार के प्रयासों से अब इसकी ठीक-ठाक तादाद है । जहां 1997 में सिर्फ 21 गायों की पहचान की गई थीं वहीं 2019 में हुई 20वीं पशुधन गणना में इनकी संख्या 13,275 बताई गई है । इससे पांच साल पहले तक यह मात्र 2,828 ही थी । आंध्र प्रदेश सरकार पुंगनूर नस्ल (Punganur breed) को बढ़ावा देने के लिए पशुपालकों को वित्तीय सहायता भी देती है ।

क्या है पुंगनूर गाय की पहचान ?

  • छोटी कद-काठी की पशु (Miniature cattle) है, लेकिन बैलों के आकार थोड़े बड़े होते हैं।
  • ऊंचाई औसतन 3 से 5 फीट और वजन 115 से 200 किलोग्राम तक होता है।
  • इन गायों का रंग सफेद, भूरे या हल्के भूरे से लेकर गहरे भूरे या लाल होता है ।
  • छोटे कद की वजह से माथा चौड़ा होता है । सींग छोटे और अर्धचंद्राकार होते हैं ।
  • लंबी पूंछ जमीन तक जाती है। वहीं कान बाहर और पीछे की तरफ खड़े रहते हैं।
  • इनकी कमर के हिस्से में एक छोटा सा घुमाव (curve) भी देखने को मिलता है।

क्या हैं पुंगनूर गाय की खासियत ?

  • गाय एक सभ्य और अहिंसक प्राणी है लेकिन पुंगनूर गाय (Pungnoor Cow) और भी ज्यादा दोस्ताना और प्यारी है ।
  • यह गाय करीब 5 किलो भोजन प्रतिदिन करती है और औसतन 3 से 5 लीटर दूध देती है ।
  • यह शुष्क (dry) वातावरण में भी आसानी से रह लेती हैं और सूखे चारे पर जीवित रह सकती हैं। उम्र 15 से 25 वर्ष के बीच रहती है।
  • गाय की अन्य नस्लों (other breeds of cow) की अपेक्षा दूध कम देती हैं लेकिन दूध पोषक तत्वों और वसा (fat) से भरपूर होता है।
  • आम गाय के दूध में वसा 3 से 5 प्रतिशतहोता है, जबकि पुंगनूर के दूध में 8 प्रतिशत तक है ।
  • दूध में Au (The symbols for the elements gold) तत्व पाया जाता है जो विशेष है।
  • यह दूध A2 कैटेगरी का है जिसे हर प्रकार से सुरक्षित और स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है ।
डेयरी लिए कितनी उपयोगी है पुंगनूर ?

पुगनूर की विशेषताएं जरा हट कर हैं जो डेयरी व्यवसाय (dairy business) के लिए फायदे का सौदा हो सकता है । दूध में अधिक फैट और औषधीय गुण की वजह से अधिक कीमत पर बेचा जा सकता है । दूध में ज्यादा वसा होना डेयरी उत्पादों के काम की चीज है। पुंगनूर गाय (Punganur Cow) के मूत्र में एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं और इसका प्रयोग आंध्र प्रदेश के किसान फसलों पर छिड़काव के लिए करते हैं। अर्थात पुंगनूर का मूत्र तक बिक जाता है । यही नहीं गोबर भी उपयोगी है और बाकायदा बिकता है ।

क्या है पुंगनूर गाय की कीमत ?

देखने में छोटी है लेकिन भाव बड़े हैं । यह अनोखी गाय आपको डेढ़-दो लाख से 8-10 लाख की कीमत के बीच आसानी से मिल जाएगी । आंध्र प्रदेश-कर्नाटक के किसानों से बात करके सीधे मंगाई जा सकती है । संख्या कम होने और दाम ज्यादा होने की वजह से वहां बहुत से लोग इसे स्टेटस सिंबल की तरह घरों तक में रखते हैं । इस गाय से कुछ धार्मिक मान्यताएं भी जुड़ी हैं । बस ध्यान रखें, गाय की उम्र जितनी कम होगी, कीमत उतनी ही अधिक होगी। 

स्वदेशी नस्ल की गायों (indigenous breeds of cow) और अन्य दुधारू पशुओं को आम बीमारियों से बचाये रखने के लिए Refit Animal Care का RIGMIN-FORTE पाउडर एक लाजवाब खनिज मिश्रण (mineral mixture) है। इसे नियमित रूप से चारे के साथ देने पर वह तंदुरुस्त और सक्रिय बने रहते हैं । रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है,, दूध की मात्रा बढ़ती है और प्रजनन (reproduction) से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं । यह पाउडर विशेष रूप से गायों के लिए अत्यंत उपयोगी है क्योंकि उनसे हमें दूध के साथ ही कई बहुमूल्य चीजें मिलती हैं । प्रयोग से पहले डॉक्टरी सलाह जरूर ले लें ।

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