अपने दुधारू पशुओं को बाँझपन से कैसे बचाएँ ? यहां जानिये टॉप-8 बेहद कारगर तरीके

दुधारू पशुओं का बांझपन

दूध देने वाले पशुओं में बांझपन डेयरी उद्योग के लिए खतरे की घंटी है । चूंकि पशुपालक का पूरा कारोबार दूध और पशु द्वारा बच्चे देने पर फलता-फूलता रहता है इसलिए बांझपन जैसी बीमारी से एक झटके में पूरा व्यवसाय चरमरा सकता है । दुधारु पशुओं में बांझपन (infertility in dairy cattle) वह स्थिति है, जिसमें पशु या तो गर्भधारण नहीं कर पाता या फिर बार – बार गर्भपात हो जाता है। अगर आप भी कुछ रणनीतियाँ अपनाएं तो इस जोखिम से बच सकते हैं । यहां जानिए दुधारू पशुओं को बांझपन से बचाने के लिए शीर्ष 8 तरीके ((Top 8 tips for protecting milch animals from infertility).

1 उचित पोषण

संतुलित आहार: तय करें कि पशुओं को भरपूर प्रोटीन, टॉनिक, विटामिन और मिनरल्स सहित संतुलित आहार मिले। कैल्शियम, फास्फोरस और विटामिन ‘ए’ जैसे पोषक तत्वों की कमी से प्रजनन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

उच्च गुणवत्ता वाला चारा: जानवरों की फाइबर की जरूरतों को पूरा करने के लिए उच्च गुणवत्ता वाला चारा (High-Quality Forage) प्रदान करें। उचित फाइबर का सेवन प्रजनन स्वास्थ्य को बनाए रखता है ।

ऊर्जा संतुलन: खासकर स्तनपान के दौरान यह संतुलन बनाये रखना जरूरी है। कम स्तनपान या अधिक भोजन, प्रजनन स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

2 अच्छा आवास और आराम

स्वच्छ और शुष्क वातावरण: दुधारु पशुओं में संक्रमण और तनाव को रोकने के लिए उनके रहने की जगह साफ, सूखी और हवादार हो।

आरामदायक जगह: जानवरों को आजादी के साथ घूमने के लिए पर्याप्त और सुविधाजनक जगह (Comfortable Stalls) प्रदान करें। अत्यधिक भीड़भाड़ से तनाव हो सकता है, जो प्रजनन के लिए ठीक नहीं ।

तापमान नियंत्रण: अत्यधिक तापमान विशेषकर गर्मी से बचायें। यह प्रजनन को ख़राब कर सकता है, इसलिए गर्म मौसम के दौरान ठंडे, छायादार स्थान की व्यवस्था करें ।

3 नियमित स्वास्थ्य जांच

टीकाकरण: Brucellosis, Tuberculosis और Leptospirosis जैसी बीमारियों को रोकने के लिए समय पर वैक्सीनेशन करवाते रहें । ये बीमारियां प्रजनन के लिए ठीक नहीं ।

परजीवी नियंत्रण: बाहरी परजीवियों, जैसे कि टिक, जूँ, किलनी और मक्खियाँ इत्यादि को नियंत्रित (Parasite Control) करें ।

संक्रमण प्रबंधन: गर्भाशय संक्रमण (metritis or endometritis) के लक्षणों की निगरानी करें और उनका तुरंत इलाज करें। संक्रमण से बचने के लिए ब्याने के दौरान अच्छी स्वच्छता बनाए रखें।

प्रजनन स्वास्थ्य निगरानी (Reproductive Health Monitoring): प्रजनन संबंधी विकारों के लक्षणों जैसे कि anestrus, cystic ovaries या अन्य हार्मोनल असंतुलन की निगरानी करते रहें।

4 प्रभावी प्रजनन प्रबंधन

समय पर प्रजनन: दुधारु पशुओं का प्रजनन सही समय पर (Timely Breeding) हो । अक्सर ग़लत समय के कारण गर्भधारण विफल हो सकता है या गर्भपात हो जाता है । पशु के हीट में न आने पर पशु चिकित्सक से बात करनी चाहिए।

एआई और पशु चिकित्सा सहायता: आनुवंशिक गुणवत्ता में सुधार के लिए कृत्रिम गर्भाधान (artificial insemination) को एक अच्छे विकल्प के रूप में लें। बांझपन या प्रजनन संबंधी समस्याओं के लक्षण दिखें तो पशुचिकित्सक से परामर्श लें।

अंतःप्रजनन से बचें: अंतःप्रजनन (Inbreeding) प्रजनन दर को कम कर सकता है। आनुवंशिक विविधता बनाए रखने के लिए विभिन्न पशुओं का उपयोग करें।

5 तनाव से बचाव

तनाव की वजह दूर करें : परिवहन, पर्यावरण में परिवर्तन  या खराब सामाजिक परिस्थितियों से उपजा तनाव प्रजनन क्षमता को बिगाड़ सकता है। लंबी यात्रा और दिनचर्या में अचानक बदलाव से भी बचें।

मेलजोल प्रदान करें: दुधारू जानवर सामाजिक होते हैं और उचित मेलजोल की कमी तनाव का कारण बन सकती है । उन्हें उचित साहचर्य प्रदान करें और अलगाव को रोकें।

6 ब्याने के बाद की देखभाल

उचित प्रसवोत्तर देखभाल (Proper Postpartum Care): ब्याने के बाद, दोबारा प्रजनन का प्रयास करने से पहले पशु को ठीक होने के लिए पर्याप्त समय दें।

रुके हुए गर्भनाल पर नजर (Observe for Retained Placenta) : रुके हुए गर्भनाल से गर्भाशय में संक्रमण और बांझपन हो सकता है। यदि समय पर नहीं निकाला जाता है तो गंभीर समस्या हो सकती है।

7 आनुवंशिकता का ध्यान रखें

नस्ल चयन (Breed Selection): हमेशा अच्छी आनुवंशिक क्षमता वाले दुधारु पशुओं को ही चुनें। कुछ नस्लों में प्रजनन संबंधी कमियों का खतरा अधिक हो सकता है।

अलगाव: यदि कोई जानवर लगातार खराब प्रजनन क्षमता दिखाता है, तो अपने झुंड की भलाई के ले उसे फौरन अलग कर दें ।

8 रिकॉर्ड रखना

विस्तृत रिकॉर्ड रखें: अपने पशुओं की प्रजनन तारीखों, मद चक्र, स्वास्थ्य का इतिहास और ब्याने के पैटर्न का सटीक रिकॉर्ड रखें। इससे बीमारी के शीघ्र पहचान करने में मदद मिलती है ।

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