गंगा गाय महिला डेरी योजना : महिलाएं हो रहीं आत्मनिर्भर, लाभ मिल रहा इतना !

महिला डेयरी योजना

पशुपालन से महिलाओं को जोड़ने, दूध उत्पादन बढ़ाने और पलायन रोकने तिहरे उद्देश्य से एक ऐसी योजना काम कर रही है जिसका फायदा अब तक हजारों महिलाएं उठा चुकी हैं । एक ऐसी योजना जिसमें निर्धन, निराश्रित और विधवा महिलाओं को वरीयता दी जाती है । योजना के तहत खरीदी गई गायों का बीमा किया जाता है और कर्ज की सुविधा भी दिलाई जाती है । यह योजना है उत्तराखंड सरकार की ‘गंगा गाय महिला डेरी योजना’ । राज्य की महिलाएं इसका फायदा कैसे ले सकती हैं, इस Blog में विस्तार में जानते हैं ।

5 सितंबर 2015 को शुरू की गई यह योजना अपने 10 साल पूरे कर रही है । इस दौरान राज्य की हजारों जरूरतमंद महिलाएं इसकी लाभार्थी बनीं और आज भी सफल रूप से पशुपालन में लगी हुई हैं । Uttarakhand Ganga Gaay Mahila Dairy Yojana के तहत कई ऐसे लाभ हैं जिससे लाभार्थी महिलाएं आत्मनिर्भर बनने के लिए ठोस कदम उठा सकती हैं ।  

योजना के लाभ क्या हैं ?

  • ग्राम स्तर पर गठित दुग्ध सहकारी समितियों की महिला सदस्यों को स्वावलम्बी बनाने के लिए संकर नस्ल की दुधारू गायें (cross breed milch cows) उपलब्ध कराई जाएंगी
  • स्वच्छ दुग्ध उत्पादन हो सके इसके लिए दुधारू पशुओं के लिए पशुशाला (cattle shed) निर्माण के लिए भी सहायता की जाती है
  • एक पशु के लिए 52 हजार रुपये की व्यवस्था है जिसमें से 27 हजार रुपये राजकीय अनुदान और 20 हजार रुपये तक का कर्ज लिया जा सकता है । बाकी 5 हजार रुपये ही लाभार्थी को जुटाने हैं ।
  • डेयरी विभाग द्वारा दो पशुओं हेतु 1,20,000/-, तीन हेतु 1,84,875/- और पांच पशुओं हेतु 3,05,438/- रुपये के अनुदान का प्रावधान है ।
  • खास बात ये है कि Ganga Gay Mahila Dairy स्कीम में गरीब एवं विधवा महिलाओं को वरीयता दी जाती है । अनुसूचित जाति-जनजाति की महिलाओं को अतिरिक्त लाभ मिलता है ।
  • ध्यान रहे, लोन की मंजूरी संबंधित जिला सहकारी बैंक के जरिए होती है । इतना ही नहीं गाय का बीमा भी होगा ।

किसे मिलेगा लाभ ? 

  • दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों की महिला सदस्य पात्र हैं । अगर सदस्यता नहीं हैं तो उन्हें सदस्य बनाकर अनुदान दिया जाता है ।
  • सामान्य, अनुसूचित जाति एवं जनजाति की महिला सदस्य ही पात्र होंगी। बस, गाय/भैंस की खरीद राज्य के बाहर से किये जाने की बाध्यता है।
  • Ganga Cow Woman Dairy Scheme योजना के तहत न्यूनतम पशु खरीदने ही होंगे तथा सब्सिडी प्राप्त करने हेतु लोन लेना भी अनिवार्य है।
  • बाकी पात्रताएं सामान्य हैं- जैसे कि राज्य का नागरिक होना, 18 वर्ष से ऊपर होना, आधार-पैन कार्ड, जाति प्रमाण-पत्र, फोन नंबर, बैंक खाता विवरण, समिति की सदस्य संख्या, चल/अचल सम्पत्ति/भूमि प्रमाण-पत्र होना इत्यादि जरूरी है । 

आवेदन कैसे करें ?

ऐसे सभी योग्य आवेदक स्थानीय दुग्ध सहकारी समिति (Milk Cooperative Society) अथवा नजदीकी जिला सहकारी बैंक (District Cooperative Bank) से आवेदन पत्र प्राप्त कर सकते हैं । अगर समिति की सदस्यता नहीं है तो 25 रुपये चुकाकर पाई जा सकती है । ऋण स्वीकृत होने पर धनराशि लाभार्थी के खाते (beneficiary’s account) में डाल दी जाती है। इसके बाद दुग्ध सहकारी समिति पशुओं का चयन कर खरीद (selection and purchasing of animals) करती है और पशुओं की सेहत की जांच करके पशुपालक के घर तक छोडती है।

गाय और अन्य दुधारू पशुओं को आम बीमारियों से बचाने के लिए Refit Animal Care का RIGMIN-FORTE पाउडर एक उम्दा खनिज मिश्रण (mineral mixture) है। इसे नियमित रूप से चारे के साथ देने पर पशु तंदुरुस्त और सक्रिय बने रहते हैं, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है,, दूध की मात्रा बढ़ती है और प्रजनन (Reproduction) से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं । यह पाउडर विशेष रूप से गायों के लिए अत्यंत उपयोगी (Very useful for cows) है क्योंकि उनसे हमें दूध के साथ ही कई बहुमूल्य चीजें मिलती हैं ।

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