मछलियों के लिए घातक है तालाब में ऑक्सीजन की कमी, बचाव के लिए अपनाएं ये अचूक तरीके

तालाब में ऑक्सीजन की कमी से मछलियों की रक्षा

ऑक्सीजन सभी जीवों के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। मछलीपालन के लिए भी शुद्ध और पर्याप्त ऑक्सीजन की आपूर्ति उसी तरह आवश्यक है जैसे जितना कि मछली के लिए भोजन और ताजा पानी । पानी की ऑक्सीजनयुक्त धाराओं में रहने वाली मछलियों को अच्छी मात्रा में ऑक्सीजन की जरूरत होती है, जिससे मछलीपालन में अच्छी उत्पादकता भी हासिल होती है । मछलीपालन में घुली हुई ऑक्सीजन (dissolved oxygen in fish farming) एक महत्वपूर्ण जल गुणवत्ता पैरामीटर है। इस Blog में जानते हैं कि मछलियों के तालाब मे ऑक्सीजन की कमी (Lack of oxygen in fish pond) कैसे हो जाती है और क्या हैं इससे बचने के उपाय ।

ऑक्सीजन यानी प्राण वायु

मछलियाँ एकतरफ़ा सांस लेती हैं । मछलियों को पानी में घुले हुए ऑक्सीजन के अणुओं को खींचना होता है और कार्बन डाइऑक्साइड पानी में वापस फेंकनी होती हैं। इसके लिए उनके गलफड़ (gills) काम में आते हैं । मछलियां इंसान की तरह हवा में सांस नहीं ले सकतीं क्योंकि गलफड़ पानी में ही काम करते हैं ।

ऑक्सीजन की आपूर्ति कैसे ?

तालाबों (fish pond) में ऑक्सीजन के लिए वातावरण और पौधे बहुत महत्वपूर्ण हैं। तालाब के लिए ऑक्सीजन का प्राथमिक स्रोत सूक्ष्म शैवाल (micro algae) या जलमग्न पौधे हैं। वे सूर्य के प्रकाश में संश्लेषण (synthesis of light) के माध्यम से ऑक्सीजन का उत्पादन करते हैं और फिर इस ऑक्सीजन को तालाब के पानी में छोड़ देते हैं। जलीय पौधे भी दिन के दौरान प्रकाश संश्लेषण के माध्यम से ऑक्सीजन के स्तर में योगदान करते हैं। तालाब के पानी में घुली ऑक्सीजन की मात्रा तापमान, पौधों के जीवन और पानी की गति जैसे कारकों के आधार पर अलग-अलग हो सकती है। गर्म पानी में कम ऑक्सीजन होती है, जबकि ठंडे पानी में अधिक ।

कितना ऑक्सीजन  है जरूरी ?

आमतौर पर मछलीपालन (fish farming) के लिए तालाब के पानी में ऑक्सीजन का स्तर 5ppm से 20ppm की सीमा में होना चाहिए । बहुत कम मछली प्रजातियाँ 2 ppm या उससे कम की घुलनशील ऑक्सीजन सांद्रता (concentration) को सहन कर सकती हैं। इसलिए, अपनी मछलियों को अनावश्यक तनाव से बचने के लिए, नियमित रूप से ऑक्सीजन परीक्षण करते रहना चाहिए।

ऑक्सीजन की कमी के कारण
  • पानी में ऑक्सीजन की घुलनशीलता तापमान से निर्धारित होती है। यही कारण है कि गर्मियों में पानी गर्म होने से ऑक्सीजन की कमी हो जाती है तो वहीं ज्यादा ठंड में धूप की कमी से दिन तो छोड़िए, रात में और मुसीबत खड़ी हो जाती है ।
  • बादल छाए रहने के कारण पर्याप्त धूप न मिलने पर जलीय पौधों द्वारा ऑक्सीजन का उत्पादन (Oxygen production by aquatic plants) कम हो जाता है। ये कभी-कभार घातक स्तर से नीचे आ जाता है ।
  • बड़ी संख्या में मछली के मल, अप्रयुक्त मछली फ़ीड, अकार्बनिक या कार्बनिक उर्वरक, या अन्य कार्बनिक अपशिष्टों (organic wastes) का बेवजह इकट्ठा होते रहना ।
  • अत्यधिक या खराब गुणवत्ता वाले भोजन या रासायनिक पूरक के कारण मछलियों के मरने और सड़ने पर जहरीली गैसों का उत्पादन।
  • पानी की सतह या तालाब के किनारे पर जलीय पौधों की अत्यधिक वृद्धि। वर्षा, कीचड़ या बाढ़ के कारण तालाब के बाहर से प्रदूषित पदार्थों का आना ।
ऑक्सीजन की कमी से बीमारी

लगातार ऑक्सीजन की कमी से मछलियों में विभिन्न प्रकार के रोग (Diseases in fish due to lack of oxygen) फैलने लगते हैं। मछलियों में epizootic ulcerative syndrome  या रोग फैलना प्रारंभ हो जाता है जिससे उनके शरीर पर लाल चकत्ते पड़ने लगते हैं । कुछ ही समय में यह पूरे पोखर की मछलियों (pokhar ki machaliya) को संक्रमित कर देता है। इससे उनका विकास रुक जाता है और कई बार मौत भी हो जाती है ।

इन समस्याओं या इन घटे हुए ऑक्सीजन स्तरों को दूर करने के लिए तालाब में ऑक्सीजन छोड़ने वाली गोलियों को फैलाने का काम कर सकते हैं जिसे OXYFORTE टैबलेट के रूप में Refit Animal Care  ने उपलब्ध कराया है। एक्वाकल्चर के लिए सर्वश्रेष्ठ ऑक्सीजन रिलीजिंग टैबलेट है, जो लंबे समय तक ऑक्सीजन देती है । लंबे समय तक काम करने वाली ऑक्सीजन छोड़ने वाली गोलियाँ जलीय फसलों की जीवित रहने की दर में सुधार करती हैं और नाइट्राइट- हाइड्रोजन सल्फाइड जैसी जहरीली गैसों के विषैले प्रभाव से बचाती हैं । इससे जलीय जंतुओं का तनाव दूर होता है।

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