हम रेसिंग कबूतरों को खूब ट्रेनिंग देते हैं और खुले आसमान में छोड़कर कतारबद्ध होकर उनके लौटने पर फूले भी नहीं समाते लेकिन यह रोमांच तभी तक है जब तक कबूतर सेहतमंद रहें । यूं तो कबूतर पालते वक्त हम उनकी हर ज़रूरत का ख्याल रखते हैं जिनमें उनका आम बीमारियों (diseases) से बचाव और वक्त पर कारगर इलाज (treatment) भी शामिल है । लेकिन कई बार बीमारी न समझ पाने या अनदेखा करने से कबूतरों की जान पर बन आती है । इस Blog में हम रेसिंग कबूतरों में होने वाले कुछ सामान्य रोगों, उनसे बचाव और उपचारों की बात करेंगे ।
सांसों का संक्रमण (Respiratory infection )
कबूतरों में सांस या श्वसन संक्रमण संभवतः सबसे भयावह समस्या है । यह एक से दूसरे में फैल सकता है और ज्यादातर बूढ़े, कमजोर या कम प्रतिरक्षा क्षमता वाले कबूतर इसका शिकार हो जाते हैं । इसमें पक्षी का खुलकर सांस लेना और उड़ना मुश्किल हो जाता है और ऐसे में वह अपने साथियों की अपेक्षा खराब प्रदर्शन करते हैं । अगर समय पर इलाज न किया जाए तो वह खुले मुंह से सांस लेगा, आंखें बंद करके फूलकर बैठ जाएगा, कुछ खाएगा-पीयेगा नहीं और कुछ समय में मर जाएगा।
जूँ, घुन और मक्खियाँ (Lice, Mites and Flies)
जूँ और घुन की कुछ प्रजातियाँ पक्षियों के पंखों और त्वचा पर जीवित रहती हैं, जबकि अन्य खून चूसती हैं। कई बार यह गंभीर नुकसान भी पहुंचा सकते हैं, जैसे- खून की कमी या संक्रामक बीमारी फैलाना। कबूतर के बिना पंखवाले हिस्सों का पपड़ीदार दिखना, पंखों में छोटे-छोटे छेद होना और लगातार खुजली करना आम लक्षण (symptoms) हैं ।
कृमियां और कीड़े (Worms and insects )
कई पशु-पक्षियों की तरह कबूतर के आंत्र पथ (intestine Route) ) में कृमियां पहुंच सकती हैं । सूत्रकृमि (roundworms), फीताकृमि (tape worm) और केशकृमि (Hairworm) कबूतरों के पाचन तंत्र में पहुंचकर बढ़ती रहती हैं, जो रेसिंग कबूतरों में थकान, दस्त, कमजोरी की वजह से प्रदर्शन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकते हैं। कभी-कभी कबूतर के मल में कीड़े देखे जा सकते हैं और सूक्ष्म जांच में उनके अंडे भी पाए जाते हैं। यह कीड़े खाने-पीने के दौरान या अन्य पक्षियों के संक्रमित मल को खाने से मिलते हैं । इसलिए इस पर लगाम लगाना आसान नहीं है । इसके लिए कबूतर की बीट की नियमित और सूक्ष्म जांच जरूरी है ।
कृमियों की ही तरह कोक्सीडिया (coccidia) एक आंत्र आदिजन्तु (protozoa) है जो कबूतरों और अन्य जानवरों में पाया जाता है और दस्त, पोषक तत्वों के अवशोषण में कमी, कमजोरी, सुस्ती और वजन घटाने का कारण बनता है। जब वे संक्रमित कूड़े को निगलते हैं तो coccidia एक कबूतर से दूसरे कबूतर में आसानी से फैल जाता है । यह एक सूक्ष्म जीव है और इसे माइक्रोस्कोप के बिना नहीं देखा जा सकता । इसलिए कबूतर में उपरोक्त लक्षण (symptoms) पाए जाने पर डॉक्टर की सलाह की सिफारिश की जाती है ।
नासूर (Canker)
नासूर (Canker) फोड़े की तरह दिखता है और एक आदिजन्तु (Protozoa) नामक छोटे से जीव के कारण होता है । यह आमतौर पर सांस लेने में समस्या पैदा करता है। यह भी एक से दूसरे पक्षी में आसानी से फैलती है । अक्सर पानी के कटोरे साझा करने से या संक्रमित कबूतरों के साथ मिलने-जुलने से यह बीमारी लग जाती है । यह जन्तु कबूतर के गले, पित्त की नली, मूत्रवाहिनी प्रकोष्ठ (Cloaca), पाचन तंत्र के हिस्से (Proventriculus) या अन्य हिस्सों में पाया जाता है। नासूर के लक्षण (symptoms) इस बात पर निर्भर करेंगे कि यह शरीर के किस हिस्से में है । लेकिन यह ज्यादातर गले पर असर करता है । इसलिए कबूतरों को टॉन्सिल (tonsilla) पर गांठों के कारण सांस लेने में कठिनाई होगी। अन्य लक्षणों में, दस्त, वजन घटना, सुस्ती, और मुंह और Cloaca से रक्तस्राव शामिल है। समय पर इलाज न मिलने पर यह बीमारी बिगड़कर जानलेवा बन जाती है । हालांकि शल्य चिकित्सा से घाव हटाकर इलाज किया जा सकता है ।
उपचार (Treatment )
यदि कबूतर में उपरोक्त समस्याओं के लक्षण हैं तो पशुचिकित्सक की सलाह से उपचार किया जा सकता है । इसीलिए, कबूतरों के प्रदर्शन और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए उन्हें संतुलित और पौष्टिक आहार के साथ ही अनुपूरक चारा (feed supplements) रामबाण का काम करते हैं । Refit Animal Care किफायती कीमत पर ऐसे अच्छी गुणवत्ता वाले अनुपूरक चारा (feed supplements ) उपलब्ध कराता है जिससे आपके रेसिंग कबूतर पूरे दम-खम के साथ उड़ान भर सकें और अपनी मजबूत प्रतिरक्षा क्षमता से संक्रामक रोगों का मुकाबला कर सकें । आप कबूतरों के नियमित आहार के साथ इन pigeon feed supplements का उपयोग कर सकते हैं लेकिन इससे पहले एक योग्य पशुचिकित्सक से परामर्श जरूर कर लें ।
यह feed supplements कबूतरों को आवश्यक विटामिन, खनिज और अमीनो एसिड प्राप्त करना सुनिश्चित करते हैं । इसी तरह रेस के लिए कबूतरों को ऊर्जा बूस्टर से लाभ होता है । साथ ही साथ उनके पंखों का विकास होता है । feed supplements में Prebiotics कबूतरों की आंत को ठीक रखने में आश्चर्यजनक रूप से सहायक होते हैं ।
Refit Animal Care द्वारा Actipigeon, Speedo+, Pigeonvita-Boost जैसे लोकप्रिय फीड सप्लीमेंट्स को कबूतरों की बेहतर सेहत के लिहाज से तैयार किया गया है । Actipigeon कबूतरों की जीवित रहने की दर बढ़ाता है। यह आतें सुधारने, खून बनाने और एनर्जी बढ़ाने के नजरिये से एक फायदेमंद सप्लीमेंट है । वहीं अपने नाम की तरह Pigeonvita-Boostबेहतर पाचनतंत्र के जरिए पंखों को मजबूती देकर रेस के लिए जोश बढ़ाने वाला एक प्रीमियम बूस्टर है जो उड़ान के सीजन में उच्चतम ऊंचाई तक प्रदर्शन सुनिश्चित करता है ।