उत्तराखंड गोट वैली स्कीम : बदल रही बकरीपालकों की तकदीर, आप भी बन सकते हैं अमीर !

उत्तराखंड गोट वैली स्कीम

बकरियों को गरीब किसानों का ATM भी कहा जाता है। बकरी पालन का मुख्य लाभ प्राकृतिक वातावरण में और कम मेहनत में कमाई के मौके हासिल करना है । उत्तराखंड में, विशेषकर पहाड़ी क्षेत्रों में बकरीपालन को बढ़ावा देकर पशुपालकों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य सरकार की एक बेहतरीन योजना है गोट वैली योजना, जिसे प्रदेश सरकार लगातार प्रमोट करने में लगी हुई है । योजना के तहत बकरियां खरीदने के लिए सरकार पैसा दे रही है ताकि पशुपालक अपनी माली हालत मजबूत कर सकें । योजना का लाभ कैसे उठाया जा सकता है, आइये इस Blog में पूरी जानकारी लेते हैं ।

गोट वैली योजना के उद्देश्य (Objectives of Goat Valley Scheme) :

योजना का मकसद ‘बकरी घाटियों’ की स्थापना कर राज्य के बकरीपालकों को एक क्लस्टर के रूप में संगठित करके व्यावसायिक बकरी पालन पर ध्यान केंद्रित करना है । इससे एकीकृत आजीविका संवर्धन (Integrated Livelihood Promotion) का एक नया मॉडल विकसित होगा। एक वैली में 20 से 25 किलोमीटर क्षेत्र के गांवों को इससे जोड़ा जाएगा।

राज्य में चल रहे पारंपरिक बकरी पालन (traditional goat farming) को एक लाभदायक व्यवसायिक गतिविधि में परिवर्तित कर उद्यम के रूप में स्थापित करना जिससे राज्य के बेरोजगार युवाओं और महिलाओं को स्वरोजगार भी मिलेगा।

राज्य में प्रस्तावित बकरी घाटी से निर्यात की गुणवत्ता वाले मांस, बकरी के दूध और बकरी से संबंधित अन्य उत्पादों का बाजार विकसित करना। 
यह योजना उत्तराखंड के पशुपालकों को उनके बकरीपालन व्यवसाय को विकसित करने और आमदनी बढ़ाने का एक अच्छा अवसर प्रदान करने के लिए है ।

गोट वैली स्कीम के लाभ (Benefits of Goat Valley Scheme) :

वित्तीय सहायता – इसके तहत लाभार्थी को 20 बकरी और एक बकरा खरीद पर 30 हजार रुपये की सरकारी सहायता राशि दी जाएगी जिससे कि पशुपालक बकरे-बकरियों की खरीदारी कर सके । इनकी उम्र 10 से लेकर 14 माह तक होनी चाहिए। इसके अलावा बकरियों के बाड़ा तैयार करने के लिए जिला योजना योजना से 50 हजार की सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।
 प्रशिक्षण मिलेगा – योजना के तहत चयनित उद्यमियों को बकरीपालन व्यवसाय के क्षेत्र से जुड़ा प्रशिक्षण (Goat farming Training ) दिया जाएगा, जिससे वे अपने व्यवसाय में पूरी तरह सक्षम बन सकें ।

 मार्केटिंग की सुविधा – बकरीपालकों के उत्पादन की मार्केटिंग की भी व्यवस्था की गई है। किसान सरकारी संस्थाओं के माध्यम से दूध और मीट को बेच सकते हैं। पशुपालक बकरी दूध के साथ-साथ मीट, चमड़े इत्यादि बेचकर अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकता है।
रोजगार बढ़ेगा –  इस योजना के माध्यम से ग्रामीण बेरोजगारों को रोजगार के अवसर मिलेंगे जिससे स्थानीय समुदायों को भी लाभ होगा। इसके जरिए बकरीपालन बढ़ेगा जिससे ये उद्योग उत्तराखंड में और प्रगतिशील बनेगा। योजना का लाभ महिलाएं भी उठा रही हैं ।

गोट वैली योजना के लिए आवेदन (Application for Goat Valley Scheme) :

ध्यान रखें, सिर्फ उतराखंड राज्य के पशुपालक ही आवेदन के पात्र हैं । आवेदन से पहले सभी दस्तावेज तैयार रखना जरूरी है । इस योजना का लाभ लेने के लिए पशुपालन विभाग के कार्यालय में जाकर आवेदन किया जा सकता है या उत्तराखंड पशुपालन विभाग (Uttarakhand Animal Husbandry Department) की आधिकारिक वेबसाइट https://ahd.uk.gov.in/ पर जाकर आवेदन किया जा सकता हैं।

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