मछली पालन पर 40% सब्सिडी पाने का मौका, 30 जून तक करें ऑनलाइन आवेदन

मछली पालन अनुदान

भारत में मछली पालन करने वाले लोगों की आर्थिक स्थिति को ठीक करने और मछली उत्पादन को बढ़ाने के साथ ही गुणवत्ता, प्रौद्योगिकी, और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना चला रही है जिसके लाभार्थिंयों की काफी है । इस योजना के माध्यम से मछली पालकों को सरकार द्वारा आर्थिक मदद प्रदान की जाती है । इसी प्रकार उत्तरप्रदेश सरकार भी मछली पालन से जुड़े लोगों के लिए अलग से योजना लाई है जिसके लिए आवेदन मांगे गए हैं । इस योजना का उद्देश्य है गांव-कस्बों में रोजगार के अवसर बढ़ाना और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना । आइये इस Blog में विस्तार से जानते हैं । 

क्या है योजना ?

उत्तर प्रदेश सरकार की ‘मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना’ (mukhyamantree matsya sampada yojana) के तहत ग्राम सभा के पट्टे पर आवंटित तालाबों के पट्टाधआरकों को मछली पालन करने के लिए अनुदान (grants for fish farming) के तहत प्रोत्साहन मिलता है । प्रदेश में ग्राम सभा के तालाबों में मत्स्य पालन का कार्य स्थानीय मछुआरों व पट्टा धारकों द्वारा किया जा रहा है। इस योजना के पात्रता मानदंडों के अनुसार, तालाबों के पट्टाधारक जो मछली पालन में रुचि रखते हैं, वे इस अनुदान का लाभ उठा सकते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार की ‘मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना’ वही योजना है जिसकी 2022-23 में अवधि 4 साल के लिए और बढ़ाई गई थी । चूंकि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (pradhaanamantree matsya sampada yojana) में ग्राम सभा के पट्टे पर आवंटित तालाबों पर अनुदान का प्रावधान नहीं था इसलिए इसी कमी को भरने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना लाई गई है। इस बार योजना 16 जून से योजना के लिए आवेदन मांगे गए हैं । 

मिलेगा 40 फीसदी अनुदान

मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना का क्रियान्वयन दो उप-योजनाओं के माध्यम से किया जा रहा है । ‘ए’ श्रेणी के तहत मनरेगा कंवर्जंस अथवा पट्टाधारक द्वारा स्वयं सुधारे गए ग्राम सभा व अन्य पट्टे के तालाबों में प्रथम वर्ष निवेश पर अनुदान के लिए परियोजना लागत (चार लाख रुपये प्रति हेक्टेयर) पर 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।

वहीं ‘बी’ श्रेणी के तहत तालाबों में मत्स्य बीज बैंक की स्थापना (Establishment of fish seed bank) के लिए इकाई लागत चार लाख रुपये प्रति हेक्टेयर पर 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। वहीं SC/ST वर्ग के आवेदकों को 60% तक सब्सिडी मिलेगी।

इस अनुदान से पट्टाधारकों (leaseholders) को मछली पालन के लिए नया तालाब खुदवाना, बायोफ्लॉक (biofloc) तकनीक, बीज उत्पादन, भोजन निर्माण और अन्य आवश्यक सामग्री प्राप्त हो सकेगी. इसके अलावा, उन्हें मछली पालन के वैज्ञानिक तरीके भी सिखाए जाएंगे ताकि उनकी उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार किया जा सके। योजना में शामिल होने वाले हर आवेदक को टुकड़ों में राशि दी जाएगी जो उनकी सफलता की प्रगति के आधार पर निर्भर करेगी । पट्टाधारक को किसी भी एक परियोजना (Project) में एक बार ही लाभ देय होगा।

कैसे करें आवेदन ?

ध्यान रखें, आवेदन परियोजना प्रस्ताव के साथ ही करना होगा । योजना से जुड़ने के इच्छुक व्यक्ति 30 जून 2025 तक ऑनलाइन माध्यम से आवेदन कर सकते हैं । आवेदन करने के लिए एक पोर्टल है जहां आवेदनकर्ता मांगी गई जानकारी और दस्तावेज अपलोड कर सकते हैं । यह कार्य आप खुद अथवा जन सुविधा केंद्र के माध्यम से कर सकते हैं । योजना की विस्तृत जानकारी विभागीय वेबसाइट https://fisheries.up.gov.in/ पर उपलब्ध है । इसके अतिरिक्त जिले के मुख्य विकास अधिकारी के कार्यालय से भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

Refit Animal Care का Aqua-Prob+ मछलियों के लिए एक ऐसा प्रोबायोटिक्स (Probiotics) जो न सिर्फ उनका स्वास्थ्य और रोगों से लड़ने की क्षमता को बेहतर करता है बल्कि पाचन तंत्र ठीक रखते हुए पोषक तत्वों के अवशोषण के काम में सुधार करता है। इस पाउडर से पानी में जहरीली गैसों का असर खत्म होता है, मछलियां सहज और अधिकतम विकास पाती हैं और उनका प्रदर्शन बढ़ता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *