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महाराष्ट्र दुग्ध अनुदान योजना 2024 : दूध बिक्री पर बढ़ गई सब्सिडी, ऐसे उठाएं फायदा !

महाराष्ट्र दुग्ध अनुदान योजना 2024

देश में दूध उत्पादन के मामले में महाराष्ट्र का स्थान छठवां है । यहां हर रोज 1 करोड़ 45 लाख 21 हजार लीटर दूध का उत्पादन होता है और 1.62 करोड़ लीटर दूध की खरीद होती है । इस बीच महाराष्ट्र सरकार ने दुग्ध उत्पादकों को एक बड़ी सौगात दी है । राज्य में सहकारी दुग्ध संघों और निजी दुग्ध परियोजनाओं के माध्यम से एकत्रित गाय के दूध पर 5 रुपये की बजाय अब 7 रुपये की सब्सिडी दी जा रही है । आइये, इस Blog  में जानते हैं कि Maharastra Milk Subsidy Scheme 2024 में हिस्सा लेने के लिए नियम और शर्तें क्या हैं, साथ ही दूध उत्पादक इसका लाभ किस तरह उठा सकते हैं ?

क्या है योजना का उद्देश्य ?

दूध और दूध उत्पादों की कीमतें मुख्य रूप से मांग और आपूर्ति के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में दूध पाउडर और मक्खन की कीमतों पर निर्भर करती हैं। हाल के दिनों में इसमें काफी उतार-चढ़ाव देखा गया है जिससे दूध उत्पादकों को काफी नुकसान होता है और उन्हें दूध की वाजिब कीमत मिलना मुश्किल हो जाता है । बस, इसी उथल-पुथल से अपने राज्य के किसानों को बचाने के लिए Maharastra Dudh Anudan Yojana 2024 लाई गई है । इस पहल का उद्देश्य दूध उत्पादकों की मदद के साथ ही दूध की कीमतों को स्थिर रखना है ।

योजना के तहत कितनी सब्सिडी ?

दरअसल, महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में दूध उत्पादकों (Milk Producers) को उचित मूल्य दिलाने के लिए सहकारी दुग्ध संघों (Cooperative Milk Unions) और निजी दूध परियोजनाओं (Private Milk Projects) के लिए न्यूनतम खरीद मूल्य तय किया हुआ है । इसी साल 1 जुलाई से सरकार ने 5 रुपये प्रति लीटर की भी सब्सिडी (subsidy) की घोषणा कर दी थी । लेकिन इसे सिर्फ तीन महीने तक ही जारी रहना था जिससे किसान एक बार फिर आर्थिक संकट में फंस जाते । लिहाजा सब्सिडी की अवधि ही नहीं, इसकी राशि भी बढ़ाने की मांग होने लगी । फिर कैबिनेट के एक अहम फैसले में 1 अक्टूबर 2024 सब्सिडी 2 रुपये प्रति लीटर और बढ़ा दी गई । हालांकि इस राशि को दूध संग्रह में कमी या बढ़ोत्तरी के आधार पर बदलने का विकल्प खुला रखा गया है ।  

योजना के नियम और शर्तें –

  • दूध सब्सिडी योजना (Doodh subsidy yojna 2024) केवल महाराष्ट्र राज्य के उन दूध उत्पादक किसानों के लिए है जो सहकारी समितियों को दूध की आपूर्ति करते हैं ।
  • योजना से जुड़ने के लिए डेयरी विकास विभाग के आयुक्त के कार्यालय में केवल ऑनलाइन आवेदन देना होगा।
  • आवेदक दुग्ध उत्पादक किसानों का बैंक खाता उनके आधार कार्ड के साथ जुड़ा होना चाहिए।
  • आवेदक की सारी जानकारी संबंधित जिले के डेयरी विकास अधिकारी, सहकारी समितियां (दुग्ध) और जिला पशुपालन उपायुक्त के माध्यम से जांची जाएगी ।
  • डेयरी विकास विभाग (dairy development department) आवेदन की पूरी प्रक्रिया की निगरानी करेगा । गड़बड़ी पाये जाने पर कार्रवाई की जाएगी। यदि सब्सिडी जारी हो चुकी है तो ब्याज सहित वसूली जा सकती है ।
  • आवेदक द्वारा दुधारू पशुओं का पंजीकरण भारत पशुधन पोर्टल (Information Network for Animal Productivity and Health) पर जरूरी होगा।
  • किसानों को सब्सिडी का पैसा उनके खाते में डायरेक्ट बैंक डिपॉजिट (DBT) के जरिये मिलेगा ।
दूध की गुणवत्ता है जरूरी –

महाराष्ट्र में डेयरियां किसानों को 3.5 प्रतिशत फैट (वसा) और 8.5 प्रतिशत एसएनएफ (solids-not-fat) वाले दूध के लिए सब्सिडी का भुगतान तभी किया जाएगा जब डेयरीज किसानों के लिए तय प्रति लीटर का बेस प्राइस देंगी। यही नहीं, फैट और एसएनएफ के प्वाइंट में बढ़ोत्तरी पर 30 पैसे प्रति लीटर कीमत बढ़ाने और कम होने पर कटौती का भी प्रावधान है । इसके साथ ही दूध पाउडर कन्वर्जन के लिए भी 1.50 रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी देने को भी मंजूरी दी गई है । इसके निर्यात (export) को भी समर्थन दिया जाएगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी पात्र (eligible ) दूध उत्पादक सब्सिडी से वंचित नहीं है, सहकारी दूध संघों और निजी दूध परियोजनाओं को 0.05 पैसे प्रति लीटर की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

निचोड़ यह है कि अगर दूध की क्वालिटी अच्छी होगी तो दाम भी अच्छा मिलेगा । इस मामले में Refit Animal Care कई प्रोडक्ट बेजोड़ हैं और इन्हीं में से एक है DOODH FLOW, जो गायों के लिए एक उत्तम तरल (liquid calcium) कैल्शियम है । यह दूध उत्पादन को बढ़ाने के साथ ही प्रसव के बाद गायों में बुखार को रोकने में मदद करता है। आप अपने पशु चिकित्सक से सलाह लेकर इसका प्रयोग कर सकते हैं ।

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