उत्तरप्रदेश में कृषि क्षेत्र में पशुपालन व्यवसाय का योगदान 29.3 प्रतिशत है जो देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 4.35 प्रतिशत है । देश में दुग्ध उत्पादन में 15.72 प्रतिशत के सात यूपी टॉप पर है लेकिन यहां प्रति पशु दुग्ध उत्पादकता कम है । राज्य में प्रति गाय औसतन 3.78 लीटर दूध का उत्पादन होता है, जो कि राष्ट्रीय औसत से कम है। इसकी बड़ी वजह है प्रदेश में उच्च गुणवत्ता वाले दुधारु पशुओं की कमी । इसीलिए स्वदेशी उन्नत नस्ल की गायों की संख्या बढ़ाने और डेयरी व्यवसाय को एक उद्योग बनाने के उद्देश्य से पहले ही नंद बाबा दुग्ध मिशन के तहत नंदिनी कृषक समृद्धि योजना चला रही है और अब इसी के तहत 10 स्वदेशी उन्नत नस्ल की गायों वाली इकाइयां स्थापित करने के लिए मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना 2024 (Mini Nandini Krishak Samridhi Yojana 2024) लाई गई है । इस Blog में जानते हैं कि योजना कितनी फायदेमंद है, आवेदन के लिए योग्यता क्या है और आवेदन प्रक्रिया क्या है ? ध्यान रखें, आवेदन की अंतिम तिथि निकट है ।
क्या है योजना ?
डेयरी इकाई (dairy unit) की स्थापना करने पर पशुपालकों को उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से अनुदान (Grant to cattle farmers by Uttar Pradesh government) दिया जाएगा। इसके लिए सरकार ने 10 करोड़ से भी ज्यादा का बजट निर्धारित किया है। इस योजना का लाभ पशुपालक के साथ साथ छोटे एवं सीमांत किसान (seemant kisan) भी उठा सकेंगे। इसके लिए पशुपालकों को कम से कम 10 स्वदेशी प्रजाति की गायों (indigenous breed of cows) की इकाई स्थापित करनी होगी जिसमें साहीवाल, गिर और थारपारकर (Sahiwal, Gir and Tharparkar) इत्यादि शामिल हैं । यह नस्ल प्रति पशु दुग्ध उत्पादन की क्षमता के लिए जानी जाती हैं । यदि आप ऐसी डेयरी स्थापित करते हैं तो इस पर 20 से 24 लाख रुपये तक खर्च आएगा । इस बड़ी राशि में प्रदेश सरकार का अनुदान एक बड़ा योगदान होगा जो 50 प्रतिशत (अधिकतम 11.80 लाख रुपये) तक का हो सकता है ।
योजना का पात्र कौन है ?
- योजना के तहत केवल उत्तरप्रदेश के पशुपालक ही आवेदन कर सकेंगे ।
- इस योजना के तहत महिला पशुपालकों को प्राथमिकता दी जाएगी।
- आवेदक के पास बैंक खाता जरूरी है ताकि अनुदान राशि सीधे उसके खाते में जाये
- आवेदक के पास कम से कम 3 वर्षों का पशुपालन क्षेत्र में अनुभव होना जरूरी है।
- इकाई स्थापना हेतु करीब 0.20 एकड़ (8712 वर्ग फुट) भूमि होना जरूरी है।
- हरे चारे के उत्पादन हेतु 0.80 एकड़ (34848 वर्ग फुट) भूमि की व्यवस्था जरूरी है।
- प्रदेश में गोपालन से जुड़ी किसी अन्य योजना के लाभार्थी आवेदन के पात्र नहीं होंगे
कैसी होंगी डेयरी इकाइयां ?
Mini Nandini Krishak Samridhi Yojana 2024 योजना के तहत हाइटेक डेयरी इकाइयों (hi-tech dairy units) की ही स्थापना की जाएगी । कैटल शेड और अन्य आधारभूत संरचनाओं का निर्माण आधुनिक तकनीक से किया जाएगा। पफ पैनल का भी उपयोग होगा जिससे मौसम की मार से पशुओं को बचाया जा सके । यही नहीं, योजना के तहत चुने गये पशुपालकों को ट्रेनिंग भी दी जाएगी ताकि वह आधुनिक तकनीक का प्रयोग करते हुए बेहतर पशु प्रबंधन कर सकें ।
कौन से दस्तावेज हैं जरूरी ?
- आधार कार्ड
- बैंक खाते की जानकारी
- पशुपालन क्षेत्र में अनुभव का प्रमाण
- राशन कार्ड
- पासपोर्ट साइज फोटो
- मोबाइल नंबर
- निवास प्रमाणपत्र
कैसे करें आवेदन ?
आवेदन https://updairydevelopment.gov.in वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन के साथ-साथ स्थानीय मुख्य विकास अधिकारी अथवा मुख्य पशु चिकित्साधिकारी के कार्यालय के माध्यम से ऑफलाइन भी स्वीकार किये जाएंगे । सभी आवेदन पत्रों की जांच के बाद आवेदकों का चयन किया जाएगा और उन्हें सूचिक किया जाएगा । योजना से जुड़ी जानकारी विस्तार से पाने के लिए https://www.animalhusb.upsdc.gov.in/assets/admin/news/2.pdf पर क्लिक करें । इस योजना के लिए 30 नवंबर तक ही आवेदन किया जा सकता है।
Refit Animal Care का RIGMIN-FORTE दुधारू पशुओं के लिए एक लाभकारी खनिज मिश्रण (Mineral Mixture For Cattle) है, जिसे चारे के साथ देने पर पशुओं को सभी आवश्यक खनिज और विटामिन मिल जाते हैं । पशु स्वस्थ रहते हैं और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती रहती है । इतना ही नहीं दूध की मात्रा बढ़ती है और प्रजनन (reproduction) से जुड़ी समस्याएं नहीं आतीं ।
Farmar on tha pashu palak
9528899337
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