गर्मियों में दुधारू पशु की देखभाल की कर लें तैयारी, जानिये टॉप-10 टिप्स कि क्या करें और क्या न करें !

दुधारू पशुओं की देखभाल

गर्मी का मौसम अब करीब है । ऐसे में क्यों न तैयारी कर ली जाए कि अपने दुधारु पशुओं की देखभाल (summer care of dairy animals) में क्या-क्या ध्यान रखना है । इलाज से अच्छा बचाव है, इसलिए ऐसा मौका ही न आने दें कि पशु बीमार हो जाएं और आपको परेशान होना पड़े या कोई बड़ा नुकसान झेलना पड़े । दुधारु पशु, पशुपालन व्यवसाय की रीढ़ होते हैं । वो जितने स्वस्थ होंगे उतना ही दूध और दूसरे उत्पाद मिलेंगे। इस Blog में जानते हैं गर्मियों में दुधारु पशुओं की देखभाल के टॉप-10 टिप्स (Top-10 tips for taking care of dairy animals in summers) .

भारत के ज्यादातर हिस्सों, खासकर उत्तर भारत में गर्मी ज्यादा और लंबे समय तक रहती है। लू चलती है और तापमान 45-50 डिग्री तक भी पहुंच जाता है । ऐसे में पशु चारा कम खाते हैं, रोग प्रतिरोधक और प्रजनन क्षमता घटती है और वह तनाव में आ सकते हैं । इससे उनकी उत्पादकता पर असर (Effect of heat on productivity of animals) पड़ता है । ऐसे मौसम में बछड़े या मेमनों की अच्छे से देखभाल करनी होती है जिससे उनका शारीरिक विकास न रुके ।

क्या करें :

  1. पानीठंडक की व्यवस्था: गर्मी में दुधारू पशुओं को अधिक पानी की आवश्यकता होती है। इसलिए ताजे और साफ पानी की व्यवस्था रखें । पानी के हौज या बर्तन को रोज साफ करते रहें ताकि उनके जरिए संक्रमण न हो । पंखे, कूलर, पेड़ की छांव या अन्य प्रकार से ठंडक पहुंचाने का इंतजाम रखें ।
  2. पोषण पर ध्यान दें: गर्मी में दुधारु पशुओं (Dudharu Pashu) को हल्का और पाचन योग्य भोजन ही दें। अधिक घास और हरे चारे का सेवन कराएं। उबला हुआ चारा और अनाज भी दे सकते हैं ताकि उनका पाचन ठीक रहे।
  3. स्वच्छता बनाए रखें: गर्मी के मौसम में बैक्टीरिया और कीटों की संख्या बढ़ जाती है, इसलिए पशुओं को जहां तक हो सके साफ-सुथरा रखें। नियमित रूप से नहलाएं-धुलाएं, पशु बाड़े की सफाई करें और दवा छिड़कते रहें।
  4. वैकल्पिक समय पर चारा : गर्मी में सुबह या शाम के समय चारा खिलाना बेहतर होता है, जब तापमान कम होता है। दिन के समय अधिक गर्मी से बचाने के लिए चारा देने से बचें।
  5. चमड़ी की देखभाल: गर्मी में पशुओं की त्वचा को धूल कीट, किलनी इत्यादि से बचाने के लिए उपाय करते रहें ताकि त्वचा रोग जड़ न जमा सकें । त्वचा रोग से पशु तनाव (Stress in animals due to skin disease) में आ जाते हैं जिससे उनकी उत्पादकता पर असर पड़ता है ।

क्या न करें:

  1. ज्यादा मेहनत न करवाएं: गर्मी में पशुओं से अत्यधिक बोझ ढोने या शारीरिक परिश्रम से बचाएं। इससे पशु थक जाते हैं और उनका शरीर कमजोर हो सकता है।
  2. गर्म बाड़े में न रखें: सीधे सूर्य की रोशनी वाले बाड़े में न रखें, क्योंकि इससे वो गर्मी या लू का शिकार हो सकते हैं । उन्हें कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं।
  3. पानी की कमी न होने दें: गर्मी में पानी की कमी से पशु कमजोरी महसूस कर सकते हैं और उनका दूध उत्पादन घट सकता है। अगर इसका संकेत मिले तो पशु-चिकित्सक से बात करें । इसलिए पानी की आपूर्ति का खास ख्याल रखें।
  4. तंग जगह में न रखें: गर्मी में बंद और तंग जगहों में रखने से पशु अधिक गर्म हो सकते हैं। दम घुटने की भी संभावना होती है। जगह खुली, ठंडी और हवादार होनी चाहिए।
  5. गंदगी और कीटों को अनदेखा न करें: गर्मी में कीटों की अधिकता होती है, और यह पशुओं को परेशान कर सकते हैं, जिससे उनके स्वास्थ्य पर उल्टा असर पड़ सकता है। नियमित रूप से कीटनाशक का प्रयोग करें। मेडिकल जांच करवाते रहें ।

इसके अलावा पशुओं को गर्मी के मौसम में Mineral Mixture (खनिज मिश्रण) तथा मल्टी विटामिन अवश्य दें। ऐसे में पशुपालकों का पसंदीदा उत्पाद है Refit Animal Care का  Reshell H काफी मददगार हो सकता है, जो कि एक मल्टी विटामिन तरल (Liquid) पदार्थ है । खास बात है कि यह प्रोडक्ट गाय, भैंस, बकरी,भेड़, ऊंट इत्यादि के लिए समान रूप से लाभदायक है । इसके जरिए जरूरी मात्रा में विटामिन और खनिज मिलता है जिसे मवेशी आसान और असरदार ढंग से पचा लेते हैं ।

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