गौ गोठान अनुदान योजना – 1 लाख 60 हजार रूपये तक का अनुदान ! ऐसे करें आवेदन !!

गौ गोठान अनुदान

भारत में कई किसान पारंपरिक खेती के साथ ही अतिरिक्त कमाई के लिए पशुपालन भी करते हैं । इसके लिए उन्हें अलग से पशुओं के रहने और खाने-पीने के इंतजाम करने होते हैं । चूंकि दुधारु पशु (dairy cattle) मंहगे होते हैं इसलिए उनकी देखभाल के लिए कई सावधानियां बरतनी पड़ती हैं । विशेषकर गायों के रहन-सहन और पालन-पोषण (Living conditions and rearing of cows) में विशेष सतर्कता की जरूरत होती है । अक्सर किसी लापरवाही या जानकारी की कमी से पशुओं की मृत्यु हो जाती है, जिससे किसान को लेने के देने पड़ जाते हैं । यदि दुधारू पशुओं के लिए शेड (shed for animals) नहीं है, तो पशु विभिन्न बीमारियों से ग्रस्त हो जाते हैं और डेयरी उद्योग प्रभावित होता है।

इन्ही समस्याओं के हल के लिए महाराष्ट्र सरकार गौशाला निर्माण (construction of cow shed) को प्रोत्साहित कर रही है और इसके लिए पशुपालकों को आर्थिक मदद दी जा रही है । महाराष्ट्र गौ गोठान अनुदान योजना (Maharashtra gau gothan anudan yojana) के माध्यम से गौशाला निर्माण के लिए सब्सिडी दी जाती है।

क्या है योजना ?

  • मान लीजिए आपके पास 3 जानवर हैं तो पशु शेड बनाने के लिए सरकार की ओर से 75 से 80 हजार रुपये की सब्सिडी मिलती है।
  • अगर किसी पशुपालक के पास 3 से अधिक दुधारु पशु हैं तो शेड बनाने के लिए 1 लाख 16 हजार रुपये की आर्थिक सहायता मिलती है।
  • अगर आपके पास इससे अधिक संख्या में गाय-भैंस हैं तो सरकार की ओर से एक लाख साठ हजार रुपये तक की सब्सिडी मुहैया करवाई जाती है ।

दरअसल, गौशालाओं के न होने या खराब स्थिति में होने के बहुत नुकसान हैं । बड़ी मात्रा में पशुओं का गोबर और मूत्र होता है और बरसात के दिनों में भूमि दलदली हो जाती है जिससे पशु वहां बैठने पर पशु अनेक बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। कभी-कभी गाय/भैंसों के शरीर के निचले हिस्से पर घाव हो जाते हैं। अगर चारा खिलाने के लिए चरनी नहीं है तो चारा खुली जगह पर डाल दिया जाता है, जिस पर अक्सर गोबर और मूत्र गिरने के कारण पशु इसे नहीं खाते हैं और यह चारा बर्बाद हो जाता है। इसलिए शेड, चरनी, जल निकासी, साफ-सफाई सभी कुछ जरूरी है ।

क्या चाहिए दस्तावेज ?

  • पशुपालक का आधार कार्ड
  • आय का प्रमाण
  • निवासी प्रमाण पत्र
  • बैंक खाते की जानकारी (बैंक पासबुक)
  • ग्राम पंचायत से अनुशंसा पत्र
  • योजना का लाभ कैसे लें?

जिन किसानों के पास मनरेगा योजना के मापदण्ड के अनुसार स्वयं की भूमि और आवश्यक दस्तावेज हों, वे सभी इस योजना का लाभ उठाने के पात्र हैं ।

  • आवेदक के नाम पर कम से कम एक एकड़ जमीन या कम से कम 50 वर्ग फुट क्षेत्र पट्टे पर हो।
  • आवेदक महाराष्ट्र राज्य और ग्रामीण क्षेत्र का निवासी हो और उम्र्र 18 वर्ष से ऊपर हो ।
  • आवेदक की वार्षिक आय 1,50,000 से 2,00,000 रुपये के बीच होनी चाहिए।
  • गौ गोठान निर्माण अनुदान (Grant for construction of Gau Goshtan) प्राप्त करने के लिए आपको ग्राम पंचायत कार्यालय से संपर्क करना होगा
  • यहां निर्धारित आवेदन पत्र भर कर सभी दस्तावेजों के सथ एक प्रस्ताव भी जमा करना होगा।
  • इस प्रस्ताव के साथ गौ गोठान निर्माण से जुड़ा प्रस्तावित बजट अनुमान भी लगाना होगा।
  • यह प्रस्ताव ग्राम रोजगार सेवक या ग्राम पंचायत के माध्यम से पंचायत समिति को भेजा जाएगा।
  • सरपंच और ग्राम सेवक द्वारा हस्ताक्षरित अनुशंसा पत्र प्राप्त करना होगा कि आवेदक लाभ पाने के लिए पात्र है।
  • इसके बाद पशुपालक को उस जगह की जियो टैगिंग करवानी होगी जहां शेड बनाना चाहता है।
  • जियो टैगिंग के बाद ही आपका आवेदन और प्रस्ताव स्वीकृत होने पर वर्क ऑर्डर दिया जाएगा।
  • अधिक जानकारी और ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया के लिए mahagosevaayog.org पर जाएं

गायों और अन्य दुधारू पशुओं को आम बीमारियों से बचाये रखने के लिए Refit Animal Care का RIGMIN-FORTE पाउडर एक लाजवाब खनिज मिश्रण (mineral mixture) है। इसे नियमित रूप से चारे के साथ देने पर वह तंदुरुस्त और सक्रिय बने रहते हैं । रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है,, दूध की मात्रा बढ़ती है और प्रजनन (reproduction) से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं ।

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