इस राज्य के दूध उत्पादकों को मिल रहा मुनाफा ज्यादा, आम के आम गुठलियो के दाम का भी है वादा !

दूध उत्पादकों का मुनाफा

दूध उत्पादन को देश की केंद्र सरकार और सभी राज्य सरकारें लगातार बढ़ावा दे रही हैं क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह आय का अच्छा स्रोत है । खासकर बड़ी संख्या में बेरोजगार युवक भी इससे जुड़ रहे हैं जिससे पलायन में कमी के अवसर बनते हैं । उत्तराखंड में भी इसी मंशा से दूध उत्पादन को बढ़ावा देने और इससे जुड़े लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार के उद्देश्य से दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन योजना चलाई जा रही है जिसका लाभ लाखों पशुपालक उठा रहे हैं । राज्य के किसान कैसे इसका फायदा लें, आइये इस Blog में जानते हैं । 

क्या है योजना ?  

उत्तराखंड की मौजूदा धामी सरकार ने 2025-26 का बजट पेश करते हुए कृषि और पशुपालन क्षेत्र के लिए पर्याप्त धनराशि का प्रावधान किया है । इसी के तहत राज्य में दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन योजना (Uttarakhand Milk Price Incentive Scheme 2025-26) हेतु 30 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है ।

दरअसल, इस योजना की शुरुआत 8 दिसंबर, 2021 को राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने की थी । योजना के तहत दुग्ध सहकारी समितियों को दूध उपलब्ध कराने वाले पशुपालकों को दूध का मूल्य प्रदान करने के साथ ही मानक के अनुसार प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है। यह राशि दूध उत्पादकों को भुगतान किए जा रहे दूध खरीद मूल्य (वर्तमान में) के अतिरिक्त प्रदान की जाएगी। इस तरह, दूध उत्पादकों को दुग्ध संघों द्वारा भुगतान की जा रही कीमत के साथ ही राज्य सरकार से प्रोत्साहन राशि भी मिलेगी। उत्तराखंड सहकारी डेयरी फेडरेशन की प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों से तकरीबन डेढ़ लाख सदस्य जुड़े हैं। इनमें से वर्तमान में करीब 53 हजार सदस्य दुग्ध संघों को प्रतिदिन दो लाख लीटर दूध उपलब्ध करवा रहे हैं।

योजना के उद्देश्य

Uttarakhand Dugdha Moolya Protsaahan Yojana का लक्ष्य अधिक से अधिक दुग्ध उत्पादकों को सहकारी समितियों से जोड़ना और  ग्राम स्तर पर पशुपालन को प्रोत्साहित करना है ।

दुग्ध उत्पादन में वृद्धि हेतु दुग्ध उत्पादकों को उनके द्वारा दुग्ध समिति में उपलब्ध कराये जा रहे दूध के आधार पर प्रोत्साहन राशि देना।

योजना का उद्देश्य दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देना और पात्र लाभार्थियों जैसे छोटे सीमांत किसानों और महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार करना है।

इसके अलावा दुग्ध विकास विभाग व अन्य सरकारी विभागों के समन्वय से दुग्ध उत्पादकों से जुड़ी सभी समस्याओं का समाधान निकालने के साथ ही उन्हें प्रशिक्षित भी किया जाता है ।

योजना के लाभ क्या है ?

दुग्ध समिति में उपलब्ध कराये जा रहे दूध की गुणवत्ता (वसा की मात्रा) के आधार पर दुग्ध उत्पादकों द्वारा प्रोत्साहन राशि का लाभ उठाया जा सकता है  

इस प्रोत्साहन धनराशि का भुगतान सीधे बैंक खाते में हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से ही किया जाता है जिससे घपले की संभावना कम होती है

दुग्ध उत्पादकों को 8.0% या उससे अधिक की एसएनएफ गुणवत्ता वाले दूध पर 5 रुपये प्रति लीटर दूध मूल्य प्रोत्साहन राशि मिलती है।

इसके अलावा 7.50 से 7.99 प्रतिशत के बीच एसएनएफ गुणवत्ता वाला दूध उपलब्ध कराने पर 4 रुपये प्रति लीटर का प्रोत्साहन मिलती है।

पात्रता क्या है ?

आवेदक का उत्तराखंड राज्य का स्थायी निवासी होना अनिवार्य है

ऐसे दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति के सदस्य जो दूध उपलब्ध करवा रहे हों

छोटे और सीमांत किसान, कमजोर वर्ग के लोग और महिलाओं को वरीयता मिलेगी

दस्तावेज क्या चाहिए ?

आवेदक का आधार कार्ड, बैंक खाते का विवरण, स्थायी निवास प्रमाण-पत्र, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साइज फोटो, मोबाइल नंबर इत्यादि ।

आवेदन कैसे करें ?

इस योजना के लिए आवेदन की जानकारी उत्तराखंड राज्य के किसी भी जिले के स्थानीय पशुपालन विभाग के दफ्तर से हासिल की जा सकती है । ध्यान रहे, इसके लिए दुग्ध उपलब्ध कराने वाले पशुपालक को सहकारी समिति में अपना बैंक खाता विवरण जरूर देना होगा। आधिकारिक जानकारी ऑनलाइन भी उपलब्ध है और लिंक है – https://agriculture.uk.gov.in/

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