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पोल्ट्री में एसिडिफायर्स (acidifiers) की भूमिका : यहां पायें आपके काम की पूरी जानकारी

Role of acidifiers in poultry b

पशु-पक्षियों को दिये जाने वाले आहार, पोषक तत्व और दवाएं जब फायदे की बजाय नुकसान पहुंचाने लगें तो उन्हें बंद कर देना ही उचित है । एंटीबायोटिक्स (antibiotics) के साथ ऐसा ही हुआ और इसके विकल्प के रूप में जिन दवाओं ने जगह बनाई उनमें एसिडिफायर्स यानी अम्लकारक प्रमुख हैं । आज पोल्ट्री व्यवसाय में एसिडिफायर्स की भूमिका (Role of acidifiers in poultry) महत्वपूर्ण हो चुकी है । क्या हैं एसिडिफायर्स ? पोल्ट्री के लिए कितने लाभकारी हैं और इनका इस्तेमाल कैसे किया जाता है ? इस Blog में पायें पूरी, ठोस और काम की जानकारी ।  

एंटीबायोटिक्स बनाम एसिडिफायर्स

पशुधन, खासतौर पर मुर्गियों के मामले में एंटीबायोटिक्स दवाओं का उपयोग कभी फायदेमंद नहीं साबित हुआ । लंबे समय तक इसके इस्तेमाल से आराम कम, नुकसान ज्यादा हो रहा था । इसीलिए यूरोप के कई देशों ने आज से 15-20 साल पहले ही एंटीबायोटिक्स के प्रयोग पर प्रतिबंध लगा दिया । हालांकि इससे पशु रोगों की घटनाओं में बढ़ोत्तरी और उत्पादकता में कमी जैसी समस्याएँ पैदा होने लगीं । लिहाजा, तब शुरू हुई विकल्पों की तलाश और खोज । कई अनुसंधान और शोध के बाद तय पाया गया कि एसिडिफायर, प्रोबायोटिक्स, प्रीबायोटिक्स, एंजाइम, हर्बल उत्पाद और इम्यून-मॉड्यूलेटर बेहतरीन विकल्प हो सकते हैं । इनमें से आहार कार्बनिक एसिड ‘एसिडिफायर’ को मजबूत जीवाणुरोधी, एंटी-फंगल और एंटी-मोल्ड गुणों के कारण दुनिया भर में लागू किया गया । अलग-अलग एसिड और कई एसिड के मिश्रण से बने कार्बनिक एसिड उपचार एंटीबायोटिक दवाओं के समान रोग से लड़ने में सक्षम किंतु मुर्गी के शरीर के लिए पूरी तरह सुरक्षित पाये गए ।   

एसिडिफायर्स के काम

एसिडिफायर के इस्तेमाल का मकसद (purpose of acidifier) है मुर्गियों के विकास में सुधार करना और पोल्ट्री उत्पादन से जुड़े फायदे को बढ़ाना है । पोल्ट्री फ़ीड (poultry) में कार्बनिक अम्लों के उपयोग से माइक्रोबियल विकास को नियंत्रित करने, फ़ीड बफर क्षमता में कमी, रोगजनक बैक्टीरिया को रोकने और पोषक तत्वों को पचाने की क्षमता को बेहतर बनाने में मदद के लिए किया जाता है । आमतौर पर पोल्ट्री के आंत से जड़े स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले बैक्टीरिया में Salmonella, Clostridia, Enterococcus, Campylobacter और Escherichia कोली शामिल हैं। आहार में कार्बनिक अम्ल (organic acids) को शामिल करके इन्हें रोका जा सकता है।

इसी तरह स्वच्छता, नियमित परीक्षण, पाइपों में बायोफिल्म की जाँच और झुंडों के बीच लाइनों की पूरी तरह से सफाई, यह सुनिश्चित करने में मदद कर सकती है कि पोल्ट्री पीने के पानी की गुणवत्ता जहां तक हो सके बेहतर हो । उन्नत पोल्ट्री एसिडिफ़ायर उत्पाद (acidifier product ) जोड़ने से अतिरिक्त परिणाम मिलेंगे, साथ ही पानी में बैक्टीरिया (bacteria) का स्तर भी कम होगा। कार्बनिक अम्लों का उपयोग करके अंडे के बाहरी गुणों जैसे अंडे का वजन, अंडे की लंबाई, अंडे का व्यास और अंडे के छिलके का रंग भी सुधारा जा सकता है।

इस प्रकार ब्रॉयलर आहार में एसिडिफ़ायर के उपयोग से विकास सुधरता है,  बीमारियों की संभावना कम होती है, प्रबंधन की समस्याएं नहीं आतीं और और एफसीआर ( feed conversion ratio) में सुधार होता है

पोल्ट्री में एसिडिफ़ायर के इस्तेमाल के तरीके:

  1. बैक्टीरिया पर हमला करने और अमोनिया (ammonia) के उत्सर्जन को सीमित करने के लिए सीधे या प्रीमिक्स के माध्यम से कूड़े पर पाउडर का छिड़काव करना। मुर्गियों के बिछौने पर भी छिड़काव किया जाता है ।
  2. फ़ीड और पीने के पानी में फफूंद से लड़ने और पीएच (pH) को संतुलित करने के लिए एसिडिफायर्स का उपयोग (acidifiers use in poultry drinking water) ठोस या तरल रूप में किया जा सकता है। बैक्टीरिया को मारने के लिए इसे पानी में इंजेक्ट किया जाता है, जिसमें क्लोरीन भी मदद करता है|  
  3. पक्षियों के आहार में ठोस रूप में मिलाया जाता है। यह फीड में फफूंद (fungus) के विकास और क्रॉप मेंपीएच (pH) कम करता  है।

रिफिट केयर का एसिडोगट –

मुर्गीपालन में पीने के पानी की गुणवत्ता की अनदेखी नहीं की जा सकती क्योंकि यह सीधे तौर पर उत्पादकता को प्रभावित करती है। पोल्ट्री के मामले में शरीर का 55-75% हिस्सा पानी से बना होता है। सामान्य नियम के अनुसार पक्षी भोजन की तुलना में डेढ़ से दो गुना अधिक पानी पीते हैं। पोल्ट्री के पीने के पानी के लिए Refit Animal Care का ACIDOGUT एक सर्वोत्तम अम्लकारक (best liquid water acidifier for poultry) है जो रोगजनकों (pathogens) पर हावी हो जाता है । वहीं आहार पूरक के रूप में भी कार्बनिक अम्ल लाभदायक हैं जो ब्रॉयलर और लेयर पक्षियों पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। कार्बनिक अम्ल विभिन्न जीआईटी (gastrointestinal tract) मापदंडों पर सीधा प्रभाव डालते हैं । यह पोषक तत्वों के अवशोषण और पाचनशक्ति और रोगप्रतिरोधक शक्ति में सुधार करते हैं। एंटीफंगल के रूप में यह पानी और आंत के पीएच (pH) को प्रभावी ढंग से कम करता है।

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