ये हैं भारत में देसी सूअर की टॉप टेन नस्लें , मुनाफा होगा दोगुना, कारोबार खूब फले-फूले

देसी सूअर की नस्लें

सूअरपालन (pig farming) कम खर्च में ज्यादा मुनाफे वाला व्यवसाय है । भारत में अब तक 14 स्वदेशी सूअर नस्लों की पहचान की गई है जिनमें से कई अच्छी उत्पादन क्षमता के लिए जानी जाती हैं । वैसे भी मादा सूअर एक बार में कई बच्चों को जन्म देती है जिससे व्यवसाय का दायरा अपने आप बढ़ता रहता है । इस Blog  में जानते हैं कि आखिर भारत में पाई जाने वाली देसी सूअर की दस प्रमुख प्रजातियां (Top10  Best Native Indian Pig Breeds) कौन-कौन सी हैं ।

घुर्रा :

GHURRAH नस्ल उत्तर प्रदेश के एक बड़े इलाके में पाई जाती है । ‘घुर-घुर’ जैसी अजीब आवाज़ निकालने की वजह से ही इन्हें घुर्रा या घुर्राह नाम दे दिया गया । रंग की बात करें तो कुछ काले, भूरे या भूरे-काले रंग के  होते हैं। वयस्क नर सूअर (adult male pig) का वजन लगभग 46 किलो और मादा का लगभग 48 किलो होता है। किसान घुर्राह सुअरों को उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता और तंदरुस्ती  के कारण पसंद करते हैं।

घुंगरू :

यह नस्ल उत्तरी बंगाल से ताल्लुक रखती है । उच्च प्रजनन क्षमता (high fertility pig) के लिए पशुपालकों की पसंदीदा है। GHOONGROO काफी कुछ बुलडॉग जैसे दिखने वाले काले सूअर होते हैं । इनके चौड़े- चपटे चेहरे और ऊपर की ओर मुड़े हुए थूथन से इनकी पहचान होती है । कान हाथी की तरह लटकते रहते हैं । जन्म के समय इनका वजन लगभग एक किलो होता है । मादा सूअर एक बार में 8 से 18 बच्चों को जन्म दे सकती है । नर और मादा, दोनों सीधे और संभालने में आसान होते हैं ।

नियांग मेघा :

यह सूअर ज्यादातर मेघालय राज्य के खासी, गारो और जयंतिया पहाड़ों में पाए जाते हैं। रंग आम तौर पर काला होता है लेकिन माथे पर तारे के आकार का सफेद रंग मौजूद हो सकता है। छोटे आकार की  नस्ल NIANGMEGHA का वजन 10 महीने की उम्र तक 35-40 किलोग्राम पहुंच जाता है।

अगोंडा गोवन :

यह नस्ल उत्तर और दक्षिण गोवा में विशेष रूप से पाई जाती है । पशु आकार में छोटे होते हैं अर्थात इनके कान और थूथन (snout) भी छोटा ही होता है । आमतौर रंग काला होता है लेकिन पैरों और चेहरे पर सफेद धब्बे होते हैं। इसे मांस के लिए पाला जाता है । AGONDAGOAN हिंसक प्रवृत्ति के होते है।

तेन्यी वो :

इसे वोथो, नागा लोकल या सुहो के नाम से भी पुकारते हैं । इनका क्षेत्र मुख्य रूप से नागालैंड के कोहिमा, फेक और दीमापुर हैं। TENYI VO सूअर खास तौर पर मांस उत्पादन के लिए पाला जाता है। इन सुअरों की विशेषता एक लंबी, मजबूत, पतली थूथन, छोटे सीधे कान और चमकदार, चौकन्नी आँखें हैं। औसत वजन 40 किलोग्राम होता है।

निकोबारी :

इसे निकोबार द्वीप की जनजातियों द्वारा पाला जाता रहा है। इन्हे हा-उन या नौट के नाम से भी जाना जाता है । इसे एक पारिवारिक संपत्ति के रूप में पालने की परंपरा रही है । शरीर मजबूत और लंबाई लिये होता है । NICOBARI स्वभाव से क्रूर और उग्र होते हैं । हां, व्यस्क उम्र मे इनका वजन 60 से 65  किलोग्राम के बीच पाया जाता है ।

डूम :

असम में पाये जाने वाले ‘डूम’ समुदाय के नाम पर इनका रखा गया है, जो पीढ़ियों से इन सुअरों को पालते आ रहे हैं। डूम सूअर काले रंग के होते हैं । इनका थूथन छोटा और उभरा हुआ होता है। इन्हें भी मांस उत्पादन (meat pig species) के लिए पाया जाता है जिसकी बाजार में कीमत काफी ज्यादा होती है । DOOM सुअरों का शरीर बड़ा होता है ।  

ज़ोवाक :

मिजोरम में पाई जाने वाली इस नस्ल के मांस को स्थानीय तौर पर काफी पसंद किया जाता है । ZOVAWK नस्ल पहाड़ी क्षेत्रों के लिए बेहतर है । झुंड में एकजुट रहते हुए भी संवेदनशील रहना इनकी विशेषता है । यह एक खास घुरघुराहट की आवाज के माध्यम से आपस में संवाद करते हैं।

माली :

MALI सूअर त्रिपुरा के धलाई और उत्तरी जिलों के मूल निवासी है। यह आम तौर पर काले होते हैं और माथे पर तारे के आकार के सफ़ेद धब्बे होते हैं। आकार में मध्यम होते हैं । माली सुअरों की पहचान उनके छोटे, सीधे कान होते हैं । व्यस्क सूअर का वजन 62 से 66 किलो तक होता है ।

पूर्णिया :

नाम PURNEA है लेकिन यह नस्ल बिहार के पूर्णिया के अलावा कटिहार और झारखंड के साहिबगंज में ज्यादा पाई जाती है । काले रंग का यह मध्यम आकार का सूअर तंदुरुस्त (healthy pig breed) होता है । इन सुअरों की विशेषता गोल चेहरा, सीधे कान और छोटे थूथन हैं। स्वभाव से हमलावर होते हैं।

बाँदा :

यह नस्ल झारखंड की है । काला रंग, लंबा थूथन और कान छोटे और सीधे होते हैं। व्यस्क उम्र में इनका वजन थोड़ा कम अर्थात 28 से 30 किलोग्राम के बीच पाया जाता है । BANDA छोटे आकार का सूअर जरूर है लेकिन स्वभाव से जंगली और हिंसक होता है ।

मणिपुर ब्लैक :

MANIPUR BLACK सूअर का प्रजनन क्षेत्र मणिपुर है। यह मध्यम आकार के सूअर मुख्य रूप से काले होते हैं । पैर  छोटे होते हैं लेकिन शरीर सुगठित और लंबा होता है । हालांकि वजन के मामले में (good weight pig breed) इनका जवाब नहीं, जो वयस्क शरीर में 96 किलोग्राम तक पहुंच जाता है । जाहिर है काफी मांस मिलता है ।

वाक चम्बिल :

मेघालय से नाता रखने वाली WAK CHAMBIL पूर्वी हिमालयी पहाड़ी माहौल में पाली जाने वाली एक बेहतरीन स्वदेशी नस्ल है । यह सूअर छोटे, मुख्य रूप से काले-सफेद रंग के होते हैं । छोटे सिर, छोटी आंखें, मध्यम थूथन, छोटे सीधे कान और छोटे खुर इनकी पहचान हैं ।

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