इन टॉप टेन टिप्स की मदद से करें मुर्गीपालन, आजमाएं और कमाएं मुनाफा

मुर्गीपालन टिप्स

मुर्गीपालन की शुरुआत कम खर्च में थोड़ी सी जगह में की जा सकती है। मुर्गियां अंडे और मांस दोनों देती हैं, इसलिए इनसे दोहरी कमाई होती है। यही नहीं मुर्गियों के गोबर से खाद बनाई जा सकती है जिसका इस्तेमाल खेती में होता है। इस गोबर से बायोगैस भी बनाया जा सकता है। इस तरह मुर्गीपालन एक मुनाफे भरा व्यवसाय है । भारत में सफल मुर्गीपालन के लिए 10 सबसे महत्वपूर्ण टिप्स 10 most important tips for successful poultry farming in India क्या हैं । आइये इस blog  में जानते हैं ।

  1. जगह का चुनाव: मुर्गीपालन के लिए ऐसी जगह का चयन करें जहाँ अच्छी हवा और पानी उपलब्ध हो। मुर्गियाँ ताजी हवा और धूप में ठीक रहती हैं । इसके साथ ही पंचायत, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, बिजली और भूजल विभाग से मंजूरी, एनओसी या लाइसेंस ले लें, तो बेहतर होगा । गलत जगह चुनने से कई समस्याएं हो सकती हैं, जैसे रोगों का प्रसार, कम उत्पादन और आने-जाने में दिक्कत ।
  2. बाड़े का निर्माण: मुर्गियों के लिए आरामदायक और सुरक्षित बाड़े का निर्माण करें। बाड़े में मुर्गियों के उठने-बैठने, चलने-फिरने के लिए उचित स्थान और अंडे देने के लिए अंडे रखने की जगह होनी चाहिए। शेड मुर्गियों को खराब जलवायु, शिकारियों और बीमारियों से बचाता है। शेड का आकार आपकी मुर्गियों की संख्या और उनकी नस्ल के अनुसार होना चाहिए।
  3. संतुलित आहार: मुर्गियों को प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिन और खनिज सहित सभी आवश्यक पोषक तत्वों वाला संतुलित आहार प्रदान करना चाहिये। मुर्गियों की उम्र, नस्ल और उत्पादन स्तर के आधार पर विभिन्न प्रकार के आहार दे सकते हैं।
    हमेशा उच्च गुणवत्ता वाला चारा चुने जो ताजा, साफ और धूल से मुक्त हो। ध्यान रखें, अंडे देने वाली मुर्गियों को अधिक कैल्शियम की आवश्यकता (Chickens need more calcium) होती है।
  4. सेहत का ध्यान: मुर्गियों को स्वस्थ रखने के लिए नियमित रूप से वैक्सीनेशन और चिकित्सा जांच करवाना जरूरी है। इसी तरह हर प्रकार के संक्रमण से बचाव के लिए बाड़े की सफाई और समय-समय पर दवाओं का छिड़काव भी जरूरी है।
  5. पानी की व्यवस्था: मुर्गियों को हमेशा ताजे और स्वच्छ पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करें। पानी की कमी से उनकी उत्पादकता पर असर पड़ सकता है ।
  6. सर्वश्रेष्ठ नस्ल चुनें: अगर आप मांस के लिए मुर्गीपालन कर रहे हैं, तो मांसल नस्लों (meaty breed of chickens) का ही चयन करें। इसी तरह अंडे के लिए अंडे उत्पादन वाली मुर्गियों की विशेष नस्लों का चयन करें।
  7. तकनीकी प्रशिक्षण लें: आजकल तकनीक का जमाना है । रोज नई-नई तकनीकें मुर्गीपालन को और आसान और फायदेमंद बनाने वाली आ रही हैं । इनका उपयोग करें । अगर कोई झिझक या संकोच है तो सही जगह से प्रशिक्षण भी ले सकते हैं ।
  8. प्राकृतिक रोशनी: मुर्गियों के लिए प्राकृतिक रोशनी (natural light for chickens) महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे उनकी आंतरिक घड़ी ठीक रहती है और अंडे देने की प्रक्रिया पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। अंधेरे में मुर्गियाँ कम अंडे देती हैं।
  9. साफ-सफाई पर फोकस: मुर्गीपालन में सफाई एक महत्वपूर्ण पहलू है। बाड़े और मुर्गियों के रहने के स्थान को नियमित रूप से साफ करना आवश्यक है ताकि बीमारी से बचा जा सके। बाड़े को हमेशा साफ, सूखा, रौशनीदार और हवादार रखें।
  10. मार्केटिंग और बिक्री: मुर्गीपालन (murgipalan) से अच्छा मुनाफा तभी होगा जब आपके पास बिक्री की अच्छी योजना होगी। आप अंडे, मांस, या दोनों का विक्रय कर सकते हैं। स्थानीय बाजारों के साथ ही ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का भी उपयोग करें, जो कि समय की जरूरत है । याद रखें, ग्राहकों को आपके उत्पाद की गुणवत्ता और आपकी सेवा पर भरोसा दिलाना जरूरी है।

मुर्गीपालन की इन टॉप टेन टिप्स (top ten tips for poultry farming) को ध्यान में रखते हुए में सफलता प्राप्त की जा सकती है। मुर्गी फार्म खोलना (Opening a Poultry Farm) एक लाभकारी व्यवसाय हो सकता है, बशर्ते आप इसे सही तरीके से और मेहनत से करें। नियमित देखभाल और उचित प्रबंधन से आप इस क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

इसके अलावा कुछ फीड सप्लीमेंट्स काफी काम के हैं । मिसाल के लिए REFIT AIMAL CARE का FLORAZONE जो अंडों का उत्पादन बढ़ाता है, ब्रायलर्स के जीवित बने की स्थितियां बनाता है, उनकी आंतों में सुधार करके आहार ग्रहण करने की क्षमता बढ़ाता है, इम्यूनिटी बढ़ाकर तनाव से बचाता है और दस्त वगैरह रोकता है । यह salmonellosis, colibacillosis, clostridium इत्यादि के बुरे असर से भी बचाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *