भेड़-बकरियों को लू से बचाने के टॉप-10 तरीके, पशु रहेगा स्वस्थ तभी मुनाफा होगा जम के !

भेड़-बकरी लू से बचाव

भारत में भेड़-बकरियों को गरीबों की गाय कहा जाता है, जिससे पशुपालन में उनकी अहमियत को समझा जा सकता है। चूंकि ये पशु छोटे कद-काठी के होते है, इसलिए उनके स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए ज्यादा सावधानी की जरूरत होती है। खासकर गर्मियों में, जब तापमान अपने चरम पर होता है। इस Blog में जानते हैं कि आखिर कौन-कौन से उपाय किये जाएं जिससे भेड़-बकरियों को गर्मी छू (Measures to protect sheep and goats from heat) भी ना पाये। 

पानी:

भेड़-बकरियों को भरपूर मात्रा में साफ और ठंडा पानी पिलाएं। धूप में रखा हुआ पानी न दें। पानी के स्रोतों को साफ और स्वच्छ रखें।

छाया:

इन्हें सुबह जल्दी या शाम को देर से चराएं,। गर्म घंटों (दोपहर) के दौरान शेड में रखें। पेड़, शेड, या छाया से जुड़ी जगहों का इस्तेमाल करें । सीधी धूप से बचाने की व्यवस्था रखें ।

वेंटिलेशन:

भेड़-बकरियों के बाड़े (शेड) हवादार होने चाहिए ताकि ठंडक बनी रहे । पंखे,कूलर और एग्जॉस्ट फैन का प्रयोग करें । आवास पूर्व-पश्चिम दिशा में बनाएं ताकि हवा ज्यादा मिले । भेड़-बकरियों के ऊपर पानी में भीगी टाट-पट्टी भी डाल सकते हैं ।

चारागाह:

भेड़-बकरियों को चराने के लिए सुबह जल्दी या शाम को देर से बाहर निकालें। दोपहर के समय जाना टालें । चारागाह में छायादार पेड़ों के नीचे कुछ देर आराम करने दें।

आहार:

गर्मी के दिनों में भूसे की मात्रा कम करें और दाना मिश्रण की मात्रा बढ़ा दें। हरा और मुलायम चारा दें। पशुओं को सूखी तूड़ी 30% और हरा चारा 70% तक खिलाएं। फीड सप्लीमेंट्स भी दे सकते हैं ।

संक्रमण:

गर्मियों में धूल, गंदगी और कीड़ों के कारण संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में शेड में रखते वक्त या चारागाह ले जाते वक्त विशेष सावधानी बरतें । बाड़े की सफाई लगातार करते रहें ।

तनाव:

दुधारू पशु में तनाव (Stress in dairy cattle) का होना ठीक नहीं होता क्योंकि इससे उसकी सेहत के साथ-साथ उत्पादन पर भी असर पड़ता है । गर्मी के दिनों वाले तनाव से बचाने के लिए उपचार व्यवस्था ठीक रखें ।

पोषण:

इस मौसम में भेड़-बकरी कम चारा खाएंगे इसलिए दाना मिश्रण में ऊर्जा और प्रोटीन की मात्रा बढ़ा दें।  ऐसे में गेहूं, चावल, ज्वार, बाजरा 40 किलो, चोकर या चूरी 37 किलो और कोई भी खली 20 किलो लेकर उसमें एक किलो सादा नमक और 2 किलो विटामिन मिनरल मिक्सचर मिला लें।

टीकाकरण:

वैक्सीनेशन एक ऐसा उपाय है जिसे अपनाकर पशुपालक काफी हद तक निश्चिंत हो सकता है । लेकिन ध्यान रहे, ये काम समय पर होना चाहिए ।

बच्चे:

तेज गर्मी और लू में भेड़-बकरी के बच्चों (baby sheep and goats ) को बचाना एक चुनौती होती है । नये जन्मे भेड़-बकरी को गर्मी से बचाने के लिए उन्हें अलग से जगह दें ।

इसके अलावा, भेड़ों को हीट स्ट्रोक से बचाने के लिए जरूरत हो तो ऊन उतरवाते रहें। गर्मी में आमतौर पर उन्हें पानी की कमी (dehydration), हीट स्ट्रोक और डायरिया की समस्या हो सकती है । ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत पशुचिकित्सक से संपर्क करें । 

इन्ही समस्याओं को ध्यान में रखते हुए Refit Animal Care ने एक प्रभावी पाउडर SUPPRLYTE बनाया है जो भेड़-बकरियों में निर्जलीकरण को रोकने में मदद करता है, गर्मी के तनाव से राहत देता है, मांसपेशियों का कामकाज बनाये रखता है और समग्र विकास सुनिश्चित करता है। यह कैल्शियम और फास्फोरस की कमी से निपटने में उपयोगी है और पशु के शरीर में इलेक्ट्रोलाइट संतुलन (Electrolyte balance in the animal’s body) बनाए रखता है। SUPPRLYTE, जल्दी और कारगर नतीजे देने वाला फीड सप्लीमेंट है जिसमें उच्च गुणवत्ता वाले कच्चे माल का उपयोग किया गया है। अच्छी बात है कि इसमें कोई एंटीबायोटिक नहीं है। पशु-चिकित्सा दवाओं और सप्लीमेंट्स के वितरक, थोक-विक्रेता और स्टॉकिस्ट हमें +91 7239972499 पर संपर्क कर सकते हैं ।

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