मवेशी और सुअर के सामान्य प्रजनन रोग : कारण, पहचान और रोकथाम

मवेशी और सुअर के प्रजनन रोग

वैश्विक मवेशी और सुअर प्रजनन रोगों से जुड़ा बाजार 5.2% की सीएजीआर के साथ 2024 में 758.2 मिलियन अमेरिकी डॉलर से 2029 तक 975.8 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। जाहिर है, यह अनुमान दर्शाता है कि उपचार की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए फार्मा उद्योग किस तरह प्रयासरत है । इसमें भी Bovine Viral Diarrhoea (BVD) के दूसरे सबसे तेजी से बढ़ने वाले रोग होने की उम्मीद है। इस तरह कृषि पशुओं में प्रजनन रोगों (reproductive diseases in farm animals) की बढ़ती घटनाओं के कारण फार्मास्युटिकल उत्पादों की मांग काफी बढ़ गई है। स्वस्थ पशुधन की दृष्टि से यह आवश्यक भी है ।

अधिकतम उत्पादन प्राप्त करने के लिए मवेशियों के प्रजनन तन्त्र (cattle reproductive system) का सही व सुचारु होना अत्यन्त आवश्यक है लेकिन बांझपन और गर्भपात दो सबसे बड़ी समस्याएं हैं । हालांकि समय रहते पहचान और फिर रोकथाम से अच्छे नतीजे मिलते हैं । इस Blog  में जानते हैं कि मवेशियों और सुअर के सामान्य प्रजनन रोग (Reproductive diseases in cattle and swine) क्या हैं ?

मवेशी प्रजनन रोग (Cattle Reproductive Diseases) :

  1. ब्रुसेलोसिस (Brucellosis) :
  • यह ब्रुसेला एबॉर्टस जीवाणु के कारण (मुख्य रूप से मवेशियों में) होता है
  • संक्रमित मवेशी में गर्भपात, बांझपन और कम दूध उत्पादन का कारण बनता है
  • यह एक ज़ूनोटिक रोग है यानि मनुष्यों में भी संचारित हो सकता है
  1. लेप्टोस्पायरोसिस (Leptospirosis):
  • लेप्टोस्पाइरा बैक्टीरिया की विभिन्न प्रजातियों के कारण होता है
  • गर्भपात, मृत बच्चे का जन्म और प्रजनन क्षमता में कमी मुख्य लक्षण हैं
  • इसका संचार मूत्र या दूषित पानी के माध्यम से होता है
  1. बोवाइन वायरल डायरिया (Bovine Viral Diarrhea):
  • यह BVD वायरस के कारण होता है
  • इससे गर्भपात, जन्म दोष और लगातार संक्रमण रह सकता है
  • संक्रमित जानवरों या दूषित उपकरणों के संपर्क से फैलता है
  1. ट्राइकोमोनिएसिस (Trichomoniasis):
  • ट्राइकोमोनास भ्रूण (एक प्रोटोजोआ) के कारण होता है
  • बांझपन, शीघ्र गर्भपात और pyometra (गर्भाशय में मवाद) का कारण बनता है
  • मुख्य रूप से संक्रमित सांडों के साथ संबंध के माध्यम से फैलता है
  1. संक्रामक बोवाइन राइनोट्रैसाइटिस (Infectious Bovine Rhinotracheitis):
  • IBR हर्पीस वायरस के कारण होता है
  • गर्भपात, श्वसन संबंधी बीमारी और अन्य कठिनाई हो सकती हैं
  • यह भी नाक या नेत्र से बहाव या दूषित उपकरणों के माध्यम से फैलता है
  1. कैम्पिलोबैक्टीरियोसिस(Campylobacteriosis):
  • यह कैम्पिलोबैक्टर भ्रूण (campylobacter embryo) के कारण होता है
  • शीघ्र गर्भपात, बांझपन और जन्म दोषों का कारण बनता है
  • प्रजनन के दौरान संक्रमित वीर्य से फैलता है
  1. एनाप्लाज्मोसिस (Erysipelas):
  • एनाप्लाज्मा बैक्टीरिया (Ana plasma bacteria) के कारण होता है
  • गर्भपात, बांझपन और सामान्य प्रजनन असफलता का कारण बन सकता है
  • किलनी या दूषित सुइयों से फैलता है

सुअर प्रजनन रोग (Swine Reproductive Diseases) :

इसी तरह सुअरों के प्रजनन रोग भी कई बार जटिल बन जाते हैं । गिल्ट (मादा सुअर) 170 से 220 दिन की उम्र में प्रजनन करती हैं। पहले बच्चे को जन्म देने के बाद, ही गिल्ट को सुअर कहा जाता है। आइये, इनमें होने वाले प्रजनन संबंधी रोग जानते हैं ।

  1. पोर्सिन प्रजनन और श्वसन सिंड्रोम (Porcine Reproductive and Respiratory Syndrome ):
  • PRRS वायरस के कारण होता है।
  • इससे गर्भपात, मृत बच्चे का जन्म और सुअरों में प्रजनन विफलता हो सकती है
  • युवा सुअरों में श्वसन संबंधी समस्याएं भी पैदा कर सकता है
  • संक्रमित जानवरों या दूषित उपकरणों के संपर्क से फैलता है
  1. लेप्टोस्पायरोसिस (Leptospirosis):
  • यह बांझपन और मृत बच्चे के जन्म का कारण बनता है
  • गर्भपात हो सकता है,, विशेषकर गर्भावस्था के अंतिम चरण में
  • दूषित पानी, चारा या संक्रमित जानवरों के सीधे संपर्क से फैलता है
  1. स्वाइन इन्फ्लूएंजा (Swine Influenza):
  • यह इन्फ्लूएंजा वायरस की वजह से होता है
  • श्वसन संबंधी बीमारी और प्रजनन संबंधी समस्या होती है
  • सीधे संपर्क और हवा में फैले कणों से फैलता है
  1. पोर्सिन महामारी डायरिया वायरस (Porcine Epidemic Diarrhea Virus):
  • सुअर के बच्चों में दस्त और निर्जलीकरण (dehydration) का कारण बनता है
  • गर्भपात हो सकता है या समय से पहले भ्रूण (गर्भस्थ बच्चा) नष्ट हो सकता है
  • PEDv दूषित चारे या उपकरण के माध्यम से फैलता है
  1. औजेस्ज़की रोग (स्यूडोरैबीज़) Aujeszky’s Disease (Pseudorabies):
  • हर्पीस वायरस के कारण होता है
  • गर्भपात, मृत बच्चे का जन्म और श्वसन संबंधी समस्याएं होती हैं
  • सीधे संपर्क या दूषित सामग्री से फैलता है
  1. माइकोप्लाज्मा ह्योरिनिस और माइकोप्लाज्मा सुइस (Mycoplasma Hyorhinis and Mycoplasma Suis):
  • एक जीवाणु संक्रमण (bacterial infection) जो प्रजनन पथ पर असर डालते हैं
  • बांझपन, गर्भपात और खराब गर्भधारण दर की वजह बन सकता है
  • आमतौर पर दूषित वीर्य या संक्रमित जानवरों से फैलता है

मवेशियों और सूअरों के प्रजनन रोगों की रोकथाम (Preventing reproductive diseases in cattle and swine) में आमतौर पर मादा जनन तन्त्र को जानना, जैव सुरक्षा उपाय,  टीकाकरण, परजीवी नियंत्रण और उचित प्रबंधन (नए जानवरों को अलग करना, नियमित चिकित्सा जांच और उचित पोषण ) जरूरी है।

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