WhatsApp

मुख्यमंत्री कार्प मत्स्य पालन योजना 2024 : मछली पालन पर 80 प्रतिशत की बंपर सब्सिडी पायें

मुख्यमंत्री कार्प मत्स्य पालन योजना

मुख्यमंत्री कार्प मत्स्य पालन योजना 2024 : मछली पालन पर 80 प्रतिशत की बंपर सब्सिडी पायें

मछली पालन अब सिर्फ अतिरिक्त आमदनी का जरिया नहीं बल्कि किसानों की स्थायी आजीविका के रूप में एक प्रमुख गतिविधि बन चुका है। इसीलिए हिमाचल प्रदेश की सरकार इसे ग्रामीण अर्थव्यवस्था की संजीवनी के रूप में देख रही है और चाहती है कि इससे ज्यादा से ज्यादा लोग जुड़ें । विशेष रूप से ग्रामीण बेरोजगारों को जोड़कर स्वरोजगार बढ़ाया जा सके । इसी भावना के साथ राज्य सरकार ने ‘मुख्यमंत्री कार्प मत्स्य पालन योजना 2024’ की शुरुआत की है । इस योजना का खासियत क्या है, नियम क्या हैं, कितना लाभ मिलेगा, आवेदन के लिए पात्रता और प्रक्रिया क्या है ? आइये इस Blog से जानते हैं ।

Chief Minister Carp Fishery Yojana 2024 योजना की घोषणा हिमाचल के मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण के दौरान करते हुए कहा था कि इसका प्रमुख लक्ष्य राज्य की मछली पालन क्षमता को बढ़ावा देने और युवाओं के लिए स्वरोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराना है। राज्य के मत्स्यिकी विभाग (Fisheries Department) द्वारा संचालित की जा रही यह योजना मत्स्य पालन के क्षेत्र में राज्य के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती है।

क्या है योजना ? –

  • इस योजना को प्रारंभिक चरण में सिर्फ प्रदेश के ऊष्ण जलीय 8 जिलों में लागू किया गया है ।
  • इसमें ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, चंबा, मंडी, सोलन, और सिरमौर जैसे जिले शामिल हैं।
  • इन जिलों में रोहू, कतला, मृगल, कॉमन कार्प और ग्रास कार्प जैसी मछलियां पाली जाती हैं ।
  • योजना में मछली पालन के लिए प्रति हेक्टेयर 12.40 लाख रुपये की लागत तय की गई है।
  • इसमें 8.40 लाख रुपये तालाब निर्माण और 4 लाख रुपये पहले साल की आदान लागत होगी ।
  • Carp Matsya Palan Yojana 2024 में कुल इकाई लागत पर 80 फीसदी सब्सिडी मिलेगी ।
  • तालाबों की न्यूनतम इकाई 0.05 हेक्टेयर (500 वर्ग मीटर) और अधिकतम 1 हेक्टेयर होगी।
  • तालाब निर्माण के लिए दी जाने वाली सरकारी सब्सिडी दो किस्तों में ही जारी की जाएगी।
  • पहली किस्त 50 प्रतिशत कार्य और दूसरी 100 प्रतिशत कार्य पूरा होने पर दी जाएगी।
  • परियोजना के पूरा होने पर कम से कम 7 साल तक तालाब का रखरखाव करना होगा ।
  • Carp Fisheries Scheme के लाभार्थियों को इस अवधि में मछली पालन जारी रखना होगा।
  • मत्स्य पालन विभाग के साथ नियमों-शर्तों के पालन से जुड़ा एक समझौता भी करना होगा ।

क्या है योजना की खासियत ? –

  • एक हेक्टेयर तालाब निर्माण से जुड़ी लागत में 80 प्रतिशत सब्सिडी (subsidy) बड़ी पहल है।
  • यह किसानों, युवाओं और मछली पालन में रुचि रखने वालों के लिए एक सुनहरा अवसर है।
  • इसमें सभी श्रेणियों (SC,ST,महिला,सामान्य) के लिए सब्सिडी 80 प्रतिशत होगी ।
  • हिमाचल प्रदेश मुख्यमंत्री कार्प मत्स्य पालन योजना 2024’ पूरी तरह राज्य प्रायोजित है।
  • सरकारी प्रोत्साहन और तकनीकी सहायता से लाभार्थियों को स्थायी आजीविका मिल सकेगी ।
  • योजना में बेरोजगार युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी और आवेदन प्रक्रिया भी काफी सरल है।
  • आवेदन ‘पहले आओ,पहले पाओ’ के आधार पर स्वीकार होंगे, नए आवेदकों को वरीयता मिलेगी।

कौन से दस्तावेज जरूरी ?

  • सभी कर्ज से मुक्त तथा तालाब निर्माण के लिए अपनी और उपयुक्त भूमि होनी चाहिए लेकिन अगर कोई आवेदक पट्टे पर जमीन ले रहा है तो पट्टे की अवधि आवेदन प्रस्तुत करने की तारीख से न्यूनतम दस वर्ष की होनी चाहिए और ऐसे पंजीकृत दस्तावेज को आवेदन के साथ लगाना होगा।
  • इसके अलावा आयु के प्रमाण के रूप में मैट्रिक का प्रमाण पत्र या कोई अन्य दस्तावेज प्रस्तुत करना होगा.
  • आवेदकों का आधार कार्ड, बैंक खाता और मोबाइल नंबर (आधार से लिंक) होना अनिवार्य है।
कैसे करें आवेदन –
  • Himachal Carp Matsya Palan Yojana 2024 के लिए आवेदन आसान है।
  • कार्प मछली पालन (carp fish farming ) के लिए जिला मत्स्य विभाग से संपर्क करें।
  • योजना से संबंधित आवेदन पत्र लेने के बाद उसे अच्छी तरह पढ़कर भरना होगा।
  • ध्यान रहे, आवेदन के साथ मांगे गए सभी आवश्यक दस्तावेज पहले से ही तैयार रखें।
  • यदि आवेदन सही पाया जाता है तो सबंधित विभाग/अधिकारी आपको सूचित करेंगे।

Refit Animal Care की AQUA-PROB+, AQUA-GRO, AMMO FREE, RIGIMA AQUA जैसे प्रसिद्ध प्रोडक्ट मछली को विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाने के लिए उत्तम हैं। जैसे – AQUA-PROB+ एक बायोफ्लॉक मछली प्रोबायटिक है जो मछली के विकास को बढ़ावा देने के लिए Aquaculture में स्वस्थ बैक्टीरिया जोड़ता है। ज्यादा जानकारी के लिए यहाँ CLICK करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *