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प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना 2024-25, मछलीपालन के लिए लीजिये 60% तक की सब्सिडी, जल्दी करें अप्लाई

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना

1भारत विश्व में मछली का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है । यह क्षेत्र 20 लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करता है। केद्र और राज्य सरकारें मत्स्यपालन से जुड़ी कई योजनाएं चला रही हैं जिसमें से कई अच्छे परिणाम दे रही हैं । इन्हीं में एक है pradhan mantri matsya sampada yojana 2024-25 (PMMSY), जो साल 2020 में ‘आत्मनिर्भर भारत’  (Aatmanirbhar Bharata Abhiyan) के तहत शुरू हुई केंद्र सरकार की योजना है । इसे ब्लू क्रांति (Blue Revolution) भी कहा गया है । Prime Minister Matsya Sampada Yojana वित्तीय वर्ष 2020-21 से लेकर 2024-25 तक यानी 5 वर्ष की अवधि के लिए ही है । इस तरह, अपने अंतिम चरण में है और सिर्फ चालू वर्ष 2024-25 में ही आवेदन करने का अवसर है । 20,050 करोड़ रुपये के निवेश के साथ PMMSY योजना देश के सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू है। किसान भाई और पशुपालक PMMSY Fisheries Scheme लाभ कैसे उठायें, आइये इस Blog में विस्तार से जानते हैं।

उद्देश्य –

  • भूमि और जल के विस्तार, सघनता और विविधीकरण से मछली उत्पादन (fish production) को बढ़ाना
  • प्रबंधन और गुणवत्ता में सुधार सहित मूल्य श्रृंखला (value chain) को आधुनिक और मजबूत बनाना
  • मछुआरों और मछली किसानों की आय दोगुनी करना और एक टिकाऊ रोजगार उपलब्ध करवाना
  • कृषि से संबंधित GVA (Gross Value Added) और निर्यात में मत्स्य पालन क्षेत्र का योगदान बढ़ाना
  • देश में एक मजबूत मत्स्य पालन प्रबंधन (fisheries management) और नियामक ढांचा तैयार करना
  • मछलियों की बेहतर प्रजातियां (fish species) तैयार करना व विपणन नेटवर्क पर ध्यान केंद्रित करना

PMMSY की खास बातें –

  • वित्तीय सहायता और ऋण (loan) की सुविधा दी जाती है ताकि वे अपने प्रयासों में टिकाऊ रूप से आगे बढ़ सकें।
  • लाभार्थियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम होते हैं ताकि उनकी क्षमता में सुधार हो सके और वे बेहतर तरीके से उत्पादन कर सकें।
  • उत्पादन, वितरण और विपणन की रणनीतियों में सक्षम बनाकर बाजार में उतारा जाता है ताकि उन्हें उचित मूल्य मिले।
  • नई तकनीक का ज्ञान देना ताकि उत्पादकता सुधारते हुए उन्हें बाजार में मजबूती से बने रहने में दिक्कत न हो ।
  • इस क्षेत्र में आधुनिक संरचनाएं (modern structures)विकसित करना, जैसे – साधारण जलक्रीड़ा तंत्र, नर्सरी संचालन आदि।

लक्ष्य –

  • मछली उत्पादन 2018-19 के 75 मिलियन मीट्रिक टन से बढ़ाकर 2024-25 तक 122 (MMT) करना
  • जलकृषि (Aquaculture) उत्पादकता राष्ट्रीय औसत 3 टन से बढ़ाकर 5 टन प्रति हेक्टेयर करना
  • घरेलू मछली (Domestic fish) की खपत को 5 से बढ़ाकर 12 किलोग्राम प्रति व्यक्ति तक ले जाना
  • मत्स्य पालन क्षेत्र और सहायक गतिविधियों में 55 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोज़गार पैदा करना
  • 2024-25 तक 70 लाख टन अतिरिक्त उत्पादन, निर्यात से आय को 1,00,000 करोड़ रुपए पहुंचाना
  • पैदावार के बाद होने वाले नुकसान को 20-25 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत तक करना

सब्सिडी –

  • सामान्य वर्ग को मछलीपालन व्यापार में आ रही लागत के 40 प्रतिशत तक की PMMSY subsidy का लाभ मिलता है
  • PM Matsya Sampada Yojana में महिलाओ, एससी/ एसटी के लोगों के लिए 60 प्रतिशत तक की सब्सिडी मिलती है
पात्रता –
  • मछुआरे, मछली कामगार, मछली विक्रेता
  • मछली किसान उत्पादक संगठन / कंपनियां
  • एससी/ एसटी/ महिला एवं विकलांग व्यक्ति
  • राज्य सरकारों/ संघ शासित प्रदेशों और उनकी संस्थाएं
  • इस क्षेत्र से जुड़े स्वयं सहायता समूह (SHG)
  • मत्स्य सहकारिता, मत्स्य पालन संघ, उद्यमी और निजी फर्म
  • मत्स्य विकास निगम, राज्य मत्स्य पालन विकास बोर्ड
दस्तावेज –
  • मछलीपालन जल स्रोत प्रमाण पत्र
  • मत्स्य पालन निर्माण क्षेत्र का प्रमाण पत्र
  • बैंक पासबुक, आधार कार्ड, पैन कार्ड
  • निर्धारित प्रारूप पर 100 रुपये का स्टांप पर नोटिस
  • स्थाई निवास प्रमाण पत्र (किसी भी राज्य)
आवेदन –
  • PMMSY के पोर्टल https://pmmsy.dof.gov.in/ पर रजिस्ट्रेशन करें
  • पंजीकरण से पहले मार्गदर्शिका और पात्रता शर्तें जरूर पढ़ लें
  • मांगी गई जानकारियां/दस्तावेज भी पहले से तैयार रखें
  • आवेदन पत्र (PMMSY Apply online) में सही जानकारी भरें
  • आवेदन पत्र को खुद से जांचने के बाद ही ‘सबमिट’ करें
  • पोर्टल की ओर से दिया गया आवेदन नंबर नोट कर लें
  • इसी नंबर से आवेदन की स्थिति को ट्रैक की जा सकेगी

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