बरसात में पशुओं की देखभाल : अभी से कर लें तैयारी, ये रहीं टॉप-10 जानकारी

बरसात में पशुओं की देखभाल

बारिश के मौसम में दुधारु पशुओं की देखभाल करना चुनौतीपूर्ण किंतु बेहद जरूरी होता है क्योंकि यह मौसम नमी, कीचड़ और रोगजनकों के कारण कई बीमारियों को जन्म दे सकता है। इस Blog में जानिये कि बारिश के दिनों में पशुओं की देखभाल (Care of animals during rainy days) के लिए 10 महत्वपूर्ण टिप्स क्या हैं ?


  1. सूखा और साफ़ शेड

बारिश के दिनों में पशुओं के बाड़े या शेड को सूखा, हवादार और पानी से मुक्त रखें। फर्श थोड़ा ढालू रखें ताकि पानी जमा न हो। पशु के नीचे गीली मिट्टी या गीला फर्श बिल्कुल न होने दें। कीचड़ और गंदगी से बचाव के लिए नियमित सफाई जरूर करें ।


  1. बीमारियों से बचाव

अक्सर चारा या पानी दूषित होने से या मच्छर-मक्खी के प्रकोप से बीमारी फैलती है । इसके लिए लगातार पशु के शरीर का तापमान (animal body temperature) चेक करते रहें । अगर पशु चारा कम खा रहा है या उसका गोबर पतला है या उसमें से दुर्गंध आ रही है तो डॉक्टर से मिलें । उस पशु को बाकी पशुओं से अलग कर दें । खुरों की नियमित सफाई करें ताकि सड़न और पैरों में संक्रमण न हो।


  1. त्वचा और परजीवी नियंत्रण

नमी के कारण त्वचा रोग हो सकते हैं, इसलिए नियमित जांच करें। कीड़े-मकोड़ों और परजीवियों (जैसे जूं, टिक, किलनी) से बचाव के लिए लगाने वाली दवा का प्रयोग करें। ऐसा न करने पर पशुओं की दूध उत्पादन क्षमता (milk production capacity of animals) कम हो जाती है।


  1. हरा चारा सड़ा न हो

बारिश में पशुओं को भोजन की स्वच्छता पर विशेष ध्यान देना है । हरे चारे को सूखा और ताज़ा रखें। सड़ा या फफूंदी लगा चारा बिलकुल न दें । यह पशुओं में अपच और फूड पॉइजनिंग (Indigestion and food poisoning in animals) का कारण बन सकता है। हरे चारे के साथ सूखा चारा मिलकर दोनों समय उचित मात्रा में दें।


  1. साफ और गर्म पानी

बरसात में पानी में गंदगी और बैक्टीरिया मिल सकते हैं, इसलिए उबला या फिल्टर किया हुआ पानी दें। पशुओं को दिया जाने वाला पानी बदलते रहें और पानी की हौद के आसपास गंदगी न होने दें।


  1. टीकाकरण और नियमित जांच

इस मौसम में संक्रमण का खतरा अधिक होता है, इसलिए FMD (मुंह-खुर का रोग), गलघोंटू जैसी बीमारियों से बचाव के लिए समय पर टीकाकरण कराते रहें । टीके की तारीख और समय नोट करके रखें ।


  1. मक्खियों और मच्छरों से बचाव

मच्छर-मक्खियां बीमारी लाते हैं । इसलिए मच्छरदानी का प्रयोग करें, नीम का धुआं दें या फिर कीटनाशक स्प्रे का प्रयोग करें। अक्सर बरसात में मच्छर-मक्खी के प्रकोप से पशुओं का दूध उत्पादन 50% तक गिर जाता है क्योंकि वे तनाव में रहते हैं ।  


  1. संतुलित आहार

संतुलित आहार उसे कहते हैं जिसमें सभी आवश्यक पोषक तत्व उचित मात्रा में शामिल हों,जिससे शरीर को स्वस्थ रहने, सही रूप से कार्य करने और बीमारियों से लड़ने की शक्ति मिल सके। बारिश में पशु कम चारा खाते हैं। इसलिए उन्हें पोषण से भरपूर संतुलित आहार दें जिसमें खनिज और विटामिन शामिल हों।


  1. दूध दोहन की स्वच्छता

दूध निकालने से पहले और बाद में थनों को अच्छे से साफ करना (clean the udders thoroughly) न भूलें। यह थनैला (Mastitis) जैसी बीमारियों से बचाव करता है।


  1. ठंड और हवा से बचाव

लगातार भीगने और ठंडी हवा से पशु बीमार पड़ सकते हैं। उन्हें गर्म रखने के लिए बोरा या तिरपाल का उपयोग करें। पशुओं को बारिश के मौसम में Mineral Mixture (खनिज मिश्रण) तथा मल्टी विटामिन अवश्य दें। ऐसे में पशुपालकों का पसंदीदा उत्पाद है Refit Animal Care का  Reshell H काफी मददगार हो सकता है, जो कि एक मल्टी विटामिन तरल (Liquid) पदार्थ है । खास बात है कि यह प्रोडक्ट गाय, भैंस, बकरी,भेड़, ऊंट इत्यादि के लिए समान रूप से लाभदायक है । इसके जरिए जरूरी मात्रा में विटामिन और खनिज मिलता है जिसे मवेशी आसान और असरदार ढंग से पचा लेते हैं और बारिश में रहते हैं एकदम फिट ।

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