बोवाइन वायरल डायरिया (BVD) खासकर युवा मवेशियों (6-24 महीने की उम्र) को होने वाली एक संक्रामक बीमारी है जो विभिन्न समस्याओं का कारण बनती है। बोवाइन वायरल डायरिया संक्रमित गाय या बछड़े में विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है।
बोवाइन वायरल डायरिया के कारण एवं संचरण
- BVD पेस्टीवायरस परिवार के एक वायरस के कारण होता है।
- यह वायरस संक्रमित पशु के शारीरिक स्राव (जैसे मूत्र, मल, बलगम, दूध) के संपर्क में आने से अन्य पशुओं में फैलता है। गर्भावस्था के दौरान एक संक्रमित मां अपने बछड़े में भी यह वायरस पहुंचा सकती है।
बोवाइन वायरल डायरिया के लक्षण
बीवीडी के लक्षण व्यापक होते हैं, और संक्रमण की गंभीरता पर निर्भर करते हैं।
- बुखार
- दस्त
- नाक से स्राव होना
- खांसी
- भूख में कमी
- पेट में दर्द
- मुंह में छाले
- गर्भपात
बोवाइन वायरल डायरिया का उपचार
बीवीडी के लिए कोई विशिष्ट इलाज नहीं है लेकिन निम्नलिखित उपचार से मवेशिओं को राहत मिल सकती हैं –
- तरल पदार्थ खाने में शामिल करना
- एंटीबायोटिक्स (द्वितीयक संक्रमण को रोकने के लिए) देना
- दर्द और सूजन को कम करने के लिए दवाइयाँ देना
रिफिट एनिमल केयर का डायरोवेट (Diarovet) कई जड़ी-बूटियों के संयोजन से बनाया जाता है। यह एक हर्बल पाउडर है जिसके सेवन से मवेशिओं को दस्त में बहोत राहत मिलती है। डायरोवेट (Diarovet) गाय, भैंस, बछड़ा, भेड़, बकरी आदि को बिना किसी दुष्प्रभाव के दिया जा सकता है ।
बोवाइन वायरल डायरिया का रोकथाम और सधानियाँ
- बीवीडी की रोकथाम के लिए भारत में टीके उपलब्ध हैं। नियमित टीकाकरण प्रोटोकॉल का पालन करना महत्वपूर्ण है।
- लगातार संक्रमित (Persistently Infected) जानवर वे होते हैं जो जन्म से ही BVD वायरस से संक्रमित होते हैं। इन्हें झुंड से हटाने से बीमारी के प्रसार को रोकने में मदद मिलती है।
- नए मवेशियों को केवल विश्वसनीय स्रोतों से ही खरीदें।
- नए पशुओं को अपने खेत में लाने के पहले उन्हें संगरोध (quarantine) करें और उनकी बीमारी के लिए जांच करें।
- उपकरणों और वाहनों को नियमित रूप से साफ और कीटाणुरहित करवाएं ।
- उचित स्वच्छता उपायों को लागू करें।
- यदि आप किसी अन्य मवेशी फार्म में जाते हैं तो खेत में वापस आने से पहले अपने कपड़े और जूते बदल लें।
भारत में बोवाइन वायरल डायरिया टीकाकरण की सुविधाएं
- BVD के टीके भारत में व्यापक रूप से उपलब्ध हैं। अपने स्थानीय पशु चिकित्सक से सही टीकाकरण प्रोटोकॉल के बारे में सलाह लें।
- कई सरकारी पशु चिकित्सा संस्थान भी बीवीडी टीकाकरण सेवाएं प्रदान करते हैं।