मछुआरों के लिए 90 फीसदी सब्सिडी वाली योजना, 31 दिसंबर तक करें आवेदन

Government schemes and subsidy for fishermen

भारत में मत्स्य पालन क्षेत्र 2.8 करोड़ से अधिक मछुआरों और मत्स्य किसानों को आजीविका प्रदान करता है किंतु इनमें अधिकांश गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन को मजबूर हैं । समुद्री क्षेत्र के अवावा, ज्यादातर मछुआरे छोटे स्तर परतालाब या नदी मेंमछली पकड़कर और बेचकर कमाई करते है क्योंकियह कम लागत में कभी भी शुरू किया जा सकता है । साथ ही, केंद्र और राज्य सरकार की कई योजनाएं और सब्सिडी (Government schemes and subsidy for fishermen) भी उपलब्ध हैं। ऐसी ही एक योजना बिहार सरकार की है जिसमें मछुआरों को नाव और जाल उपलब्ध करवाया जाता है । आइये इस Blog में विस्तार से जानते हैं ।


स्कीम –

‘नाव एवं जाल पैकेज वितरण योजना 2025-26’ बिहार सरकार ने मछुआरा समुदाय को सशक्त बनाने के लिए शुरू की है। मछुआरों के योगदान को अहमियत देते हुए सरकार नाव और जाल की खरीद पर निर्धारित इकाई लागत का 90 प्रतिशत तक अनुदान देती है । इससे मछुआरे कम लागत में अपने व्यवसाय को मजबूती दे सकते हैं और आय बढ़ा सकते हैं। योजना राज्य के सभी जिलों में लागू है ।


फायदे –

Bihar Boat and Net Package Distribution Scheme 2025-26 के तहत कई मॉड्यूल हैं जिसमें से सिर्फ एक का ही फायदा मिलेगा ।

    1. लकड़ी की नाव (wooden fishing boat) वाले पैकेज की इकाई लागत 1,24,400 रुपये है, जिसमें 90 प्रतिशत सब्सिडी के हिसाब से कुल 1,11,960 रुपये तक अनुदान मिलेगा।

    1. वहीं फिशिंग एफआरपी (Fiber-Reinforced Plastic ) बोट पैकेज की लागत 1,54,400 रुपये है, जिसमें 90 प्रतिशत यानी 1,38,960 रुपये सब्सिडी होगी।

    1. इसी तरह फेका जाल (thrown net) पैकेज की इकाई लागत 16,700 रुपये है, जिसमें 15,030 रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा।

प्रत्येक व्यक्ति या परिवार को केवल एक पैकेज का लाभ मिलेगा, जो मछली पालन को आर्थिक रूप से मजबूत बनाएगा।इतना ही नहीं, एक परिवार को एक ही पैकेज का लाभ मिलेगा।


पात्रता –

Bihar naavevanjaalpaikejvitaran yojana 2025-26 का लाभ केवल राज्य मत्स्यजीवी सहयोग समिति के सदस्यों या परंपरागत मछुआरों को मिलेगा। इसमें भी महिला और एससी-एसटी के आवेदकों को प्राथमिकता दी जाती है । यह योजना मछुआरों के सशक्तिकरण के लिए है ताकि वो आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनकर आगे अपना व्यवसाय चला सकें ।


दस्तावेज –

इसके लिए आधार कार्ड नंबर, मोबाइल नंबर, बैंक खाता संख्या, बैंक शाखा का नाम, आईएफएससी कोडऔर मछुआरे कार्य से संबंधित प्रमाण-पत्र चाहिए होंगे । इन दस्तावेजोंको बाकायदा सत्यापित करवाना होता है । वैसे, ज्यादा जानकारी के लिए जिला मत्स्य कार्यालय से संपर्क किया जा सकता है।


आवेदन –

बिहार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग द्वारा शुरू की गई इस योजना का लाभ पाने के लिए आधिकारिक वेबसाइट https://fisheries.bihar.gov.in पर जाकर  रजिस्ट्रेशन करते हुए फॉर्म भरना होगा । आवेदन (application for fishermen scheme) के बाद एक उच्चाधिकार समिति लाभार्थियों का चयन करती है । चुने गए लाभार्थियों को सब्सिडी की रकम सीधे बैंक खाते में हस्तांतरित (DBT) की जाएगी। ध्यान रखें, आवेदन पूरी तरह ऑनलाइन है और 31 दिसंबर 2025 अंतिम तिथि है । इसलिए समय रहते सारे कागजात जुटाकर आवेदन करना बेहतर होगा ।

REFIT ANIMAL CARE का OXYFORTE एक्वाकल्चर के लिए एक बेजोड़ ऑक्सीजन रिलीजिंग टैबलेट (Oxygen Releasing Tablets for Fish) है जो लंबे समय तक ऑक्सीजन का संतुलन बनाये रखता है । इससे जलीय जीवों के जीवित रहने की दर में सुधार होता है । साथ ही यह नाइट्राइट और हाइड्रोजन सल्फाइड जैसी जहरीली गैसों का दुष्प्रभाव खत्म करता है जिसकी वजह से मछलियां तनाव रहित (stress free fish) हो जाती हैं और उच्चतम उत्पादन क्षमता को प्राप्त करती हैं ।

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